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धान खरीद : सेंटरों के नाम सार्वजनिक होने के बाद भी नहीं मिल रहे क्रय केंद्र

जिले में धान खरीद में अभी भी सुधार नहीं हो पा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 12:50 AM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 06:26 AM (IST)
धान खरीद : सेंटरों के नाम सार्वजनिक होने के बाद भी नहीं मिल रहे क्रय केंद्र

जागरण संवाददाता, बदायूं : जिले में धान खरीद में अभी भी सुधार नहीं हो पा रहा है। कई दिनों से भटकने के बाद भी किसानों को सहकारी धान सेंटर नहीं मिल रहे हैं। इससे उनको माफिया और बिचौलियों के हाथों ही अपनी फसल बेचनी पड़ रही है। जिला प्रशासन ने जिन सेंटरों का डाटा सार्वजनिक किया उनमें से अधिकांश स्थानों पर अभी भी सेंटर शुरू नहीं हो सके हैं। इससे किसानों में मायूसी है तो कहीं-कहीं पर सिस्टम के खिलाफ आक्रोश भी दिखाई दे रहा है। धान की फसल तैयार होने से पहले ही शासन के निर्देश पर प्रशासन ने यहां जीपीएस सर्वे कराने का दावा किया था। जिसके आधार पर किसानों का पूरा डाटा तैयार किया गया। दस अक्टूबर से पहले ही किसानों का धान खरीदने के लिए अलग-अलग तहसीलों में 37 धान क्रय केंद्र खोल दिए गए। कागजी रिकार्ड में दिवाली से कुछ दिन पहले तक इन सेंटरों पर धान की बंपर खरीद भी बता दी गई। आंकड़ा जो सामने आया उससे लगा कि इस बार धान का लक्ष्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। ऐसे में किसानों की शिकायतें शुरू हुईं तो धान क्रय केंद्रों की जमीनी हकीकत को परखा गया। पता चला कि अधिकांश स्थानों पर सेंटर खुले ही नहीं हैं। दैनिक जागरण ने जब सच्चाई उजागर की तो प्रशासन ने सभी केंद्रों की सूची सार्वजनिक कर दी। आलम यह रहा, त्रिपाल डालकर ही धान क्रय केंद्र बना दिए गए। न स्टाफ है और न ही कोई संसाधन यहां था। कुछ समितियों के क्रय केंद्रों पर ताला लटका हुआ है। सबसे ज्यादा खराब हालत दातागंज तहसील क्षेत्र में देखने को मिली है जहां मामूली झोपड़ियों में भी सेंटर संचालित कर दिए गए हैं।

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क्रय केन्द्र पर धान की खरीद शून्य

संस, सहसवान : बदायूं मेरठ हाइवे पर एसएफसी गोदाम में खोले गए क्रय केन्द्र किसान धान बेचने नहीं पहुंचे। शनिवार को गोदाम प्रभारी विजय कुमार केन्द्र पर मौजूद थे। उन्होंने बताया, किसानों का कहना था कि इस क्षेत्र में धान की खेती बहुत कम होती है। जिन किसानों ने धान बोया है उनमें से अधिकांश फसल अभी खेतों में ही है। वर्जन ..

सभी धान क्रय केंद्र संचालित हैं वहां धान खरीद की हकीकत देखने के लिए नोडल अफसरों को नियुक्त किया गया है। कहीं पर अगर कोई शिकायत आती है तो संबंधित अधिकारी और केंद्र संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- नरेंद्र बहादुर सिंह, एडीएम एफआर


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