अब मुहर के कोड से शिकायती पत्रों पर सुनवाई
एसएसपी ने शिकायती पत्रों के निस्तारण के लिए नई व्यवस्था लागू की है।
बदायूं : थानों में शिकायत के बाद भी कार्रवाई न होने की दशा में एसएसपी के पास आने वाले फरियादियों के शिकायती पत्र पर अब लिखित आदेश के स्थान पर मुहर लगाई जाएगी। इस मुहर के आधार पर ही जन शिकायत प्रकोष्ठ के तहत शिकायती पत्र संबंधित अधिकारी या प्रकोष्ठ को पहुंचा दिया जाएगा। इसके लिए एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी ने अलग से मुहरें बनवाकर उनके कोड भी निर्धारित किए हैं। ताकि निर्देश लिखने में वक्त खराब होने की जगह अधिक से अधिक फरियादियों से मिलकर उनकी समस्या का निस्तारण किया जा सके। जिले में चार्ज संभालने के बाद एसएसपी ने फरियादियों के शिकायती पत्रों समेत मुख्यमंत्री पोर्टल पर पहुंचने वाली शिकायतों के निस्तारण को शत प्रतिशत करने के लिए मुहिम शुरू की है। इसके तहत जहां आइजीआरएस के प्रभारी एसपी सिटी जितेंद्र श्रीवास्तव को शिकायतों का जल्द से जल्द निस्तारण कराकर उनका जवाब पोर्टल पर अंकित कराने को कहा है। वहीं अपने स्तर से अलग से मुहरें भी बनवाई हैं। इंसेट
ऐसे काम करेगी मुहर
- महिला या बाल उत्पीड़न से जुड़ी शिकायत मिलने पर शिकायती पत्र पर लाल रंग के सितारे की मुहर लगेगी। इसके तहत संबंधित सीओ को 24 घंटे के भीतर पूरे मामले की जांच कर आख्या देना होगी। जरूरी लगेगा तो उस घटना में मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। ठीक इसी तरह छोटे-मोटे झगड़ों और मारपीट की शिकायत पर ब्लू प्रिट की दो सितारा मुहर लगेगी, इसके तहत थानेदार दोनों पक्षों की बात सुनकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर आख्या देंगे। वहीं जमीनी विवाद से जुड़े मामलों, दंपती के बीच विवाद के बाद परामर्श केंद्र में भेजे जाने वाले मामलों समेत ऐसे मसलों जिनमें जांच के बाद थानास्तर से कार्रवाई हो सकती हो, उनके लिए तीन सितारों की मुहर लगाई जाएगी। इंसेट
यह है उद्देश्य
- शिकायती पत्र पर आमतौर पर अधिकारी लिखित में आदेश देते हैं। इसमें ज्यादा वक्त लगता है। जबकि मुहर लगाने के बाद संबंधित शिकायती पत्र को अधीनस्थों द्वारा उसके निर्धारित स्थान पर पहुंचा दिया जाएगा। ऐसे में ज्यादा फरियादियों की समस्या सुनकर उनका निस्तारण किया जा सकेगा। वर्जन
अधिक से अधिक शिकायती पत्रों का निस्तारण करना उद्देश्य है। वहीं थानेदारों को भी थानास्तर ही शिकायतों को निस्तारित करने का निर्देश दिया है। ताकि फरियादियों को मुख्यालय तक की दौड़ न लगाना पड़े। कोशिश रहेगी कि कम से कम लोग ही यहां पहुंचे, क्योंकि सभी की समस्या को तत्काल प्रभाव से निस्तारित किया जाएगा।
अशोक कुमार त्रिपाठी, एसएसपी
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