भूमाफिया मिटा रहे ऐतिहासिक धरोहरों का अस्तित्व
शहर में ऐतिहासिक धरोहरों का अस्तित्व मिटाने के लिए माफिया लगे हुए हैं।
बदायूं : शहर में ऐतिहासिक धरोहरों का अस्तित्व मिटाने के लिए माफिया लगे हुए हैं। ऐसी कोई ऐतिहासिक धरोहर नहीं बची है जिसकी जमीन पर माफिया कब्जा नहीं कर रहे हों, पक्का ताल से लेकर मकबरों के आसपास की जमीनों को माफिया हथिया चुके हैं। ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी पुरातत्व विभाग के साथ-साथ जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं हो, पता सभी को हैं, लेकिन उनकी सियासी ताकत के सामने कोई बोलने को तैयार नहीं होता।
यहां के राजा महीपाल की रणभूमि रहे सागर ताल की बात करें तो करीब दो दशक पहले यहां पर विशाल मैदान था और ताल भी काफी एरिया में दिखाई देता था। सैकड़ों बीघे में मौजूद सागर ताल का इतिहास किसी से छिपा नहीं है। वहां की सुंदरता देखते ही बनती थी तो आसपास धार्मिक स्थल होने की वजह से लोग मनौती मांगने भी आते हैं। इस तालाब पर धीरे-धीरे माफिया सक्रिय होने लगे। देखते-देखते ताल की जमीन पर कब्जे शुरू हुए तो वहां प्लॉ¨टग शुरू कर दी गई। महंगी जमीन होने की वजह से लोग वहां पर प्लाटें लेकर सौदेबाजी के चलते डालने लगे। काफी हद तक इस एरिया में कॉलोनियां भी विकसित कर दी गई हैं। ऐतिहासिक धरोहर पक्का ताल को भी माफिया निशाने पर लेने लगे। पक्का ताल का अस्तित्व पूरी तरह से मिटा दिया गया। उसकी जमीन पर कब्जा हुआ तो तालाब कीचड़ में बदल गया। यहां दलदल होने से आसपास के इलाकों का पानी तक दूषित हो चुका है। बात मीरा सराय में मौजूद मकबरे की करें तो वहां भी नियमों को दरकिनार कर बि¨ल्डगें बनवा दी गईं। वहां पर अवैध कब्जा करने के मामले में सपा नेता पर मुकदमा भी दर्ज किया गया था, लेकिन उस केस में क्या हो रहा है इसकी जानकारी कोई नहीं दे रहा है।
वर्जन ..
ऐतिहासिक इमारतें पुरातत्व विभाग के कब्जे में हैं। उनकी देखरेख का जिम्मा भी उन्हीं का होता है। रही बात सागर ताल और पक्का ताल की तो वहां पर जो कब्जा हुआ है उसमें कार्रवाई कराएंगे।
- पारसनाथ मौर्य, एसडीएम सदर