कोतवाली में खुद की जान बचाने को भाग रही थी खाकी
उझानी कोतवाली में शुक्रवार सुबह का घटनाक्रम फिल्मी सीन की तरह रहा। यहां थाने का ही सिपाही रायफल हाथ में लिए विलेन की भूमिका में आ गया था। बात मामूली थी मगर वह उसको इस तरह नागवार गुजरी कि वो खून खराबे पर उतारू हो गया। बीस गोलियों वाली मैगजीन उसने पल भर में आधी कर दी। हवाई फायरिग कर जहां दहशत फैलाई वहीं एसएसआइ के ऊपर सीधा फायर झोंका। इससे कोतवाली में मौजूद पुलिसकर्मी खुद की जान बचाने को इधर उधर भाग रहे थे।
जेएनएन, बदायूं : उझानी कोतवाली में शुक्रवार सुबह का घटनाक्रम फिल्मी सीन की तरह रहा। यहां थाने का ही सिपाही रायफल हाथ में लिए विलेन की भूमिका में आ गया था। बात मामूली थी मगर, वह उसको इस तरह नागवार गुजरी कि वो खून खराबे पर उतारू हो गया। बीस गोलियों वाली मैगजीन उसने पल भर में आधी कर दी। हवाई फायरिग कर जहां दहशत फैलाई, वहीं एसएसआइ के ऊपर सीधा फायर झोंका। इससे कोतवाली में मौजूद पुलिसकर्मी खुद की जान बचाने को इधर, उधर भाग रहे थे। सिपाही ने खुद को भी गोली मारी। इसके बाद ही पुलिस कर्मी उसको दबोचने के लिए पहुंचे।
प्रत्यक्षदर्शियों ने पूरे दृश्य को जब अन्य लोगों को बताया, तो सुनने वाले भी स्तब्ध रह गए। बताते हैं कि घटना के समय थाने से पुलिस कर्मियों की ड्यूटी पर रवानगी की जा रही थी। लेकिन, घटना के बाद पूरा फोर्स घायल पड़े एसएसआइ और सिपाही को बचाने में जुट गया। मामला की जानकारी अफसरों तक पहुंची, तो वह भी अवाक रह गए। तत्काल फोरेंसिक टीम को मौके पर पहुंची। टीम को मौके पर नौ कारतूस के खोखे मिले। इसकी पुष्टि पुलिस अधिकारियों ने की है। उन्होंने बताया मौके पर चले नौ गोली में दो एसएसआइ को मारी गईं। जबकि, दो गोली सिपाही ने स्वयं को मारी हैं। बताते हैं कि गोली पार हो गई थीं, इसलिए दोनों की हालत चिताजनक नहीं बताई गई।
इंसेट ..
मेज के नीचे छिप गए थे फरियादी, कोतवाल भी बचे बाल-बाल
सिपाही ने जब फायरिग शुरू की। उस समय एसएसआइ और कोतवाल बराबर में ही बैठे थे। उसने उसी दिशा में गोली चलाई तो कोतवाल ओमकार सिंह बाल-बाल बच गए। कोतवाली में मौजूद फरियादी डर से मेज के नीचे छिप गए।
दहशत में आए आसपास के लोग
कोतवाली में ताबड़तोड़ फायरिग की आवाज से आसपास के लोग भी डर गए। सभी को लगा कहीं किसी गैंग ने कोतवाली में हमला तो नहीं बोल दिया। घबराए लोग कानपुर कांड को भी याद करने लगे। फिलहाल कुछ ही देर में कोतवाली का घटनाक्रम लोगों तक पहुंचा। तब जाकर स्थिति साफ हुई।