फंदे पर लटकती मिली सिंचाई विभाग के जेई की लाश
सिंचाई विभाग में तैनात जेई का शव घर में फंदे पर लटकता मिला।
बदायूं : सिचाई विभाग के अवर अभियंता राघवेंद्र की लाश संदिग्ध परिस्थितियों में रविवार सुबह घर में ही फंदे पर लटकती मिली। जेई इटावा के रहने वाले थे। पिता का आरोप है कि राघवेंद्र की पत्नी समेत ससुरालियों ने रुपयों के लालच में हत्या की और शव फंदे पर लटका दिया। पुलिस ने जांच कर शव का पोस्टमार्टम कराया। रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी है।
मूलरूप से इटावा के आगरा रोड स्थित कोठी विचपुरा गांव निवासी राघवेंद्र (40) पुत्र श्याम सिंह यहां बदायूं में सिचाई विभाग में अवर अभियंता के पद पर तैनात थे। वह परिवार समेत सिविल लाइंस क्षेत्र की आवास विकास कालोनी में मकान संख्या ए-47 में रहते थे। रविवार सुबह उनकी लाश घर में ही फंदे पर लटकती मिली। सूचना पर यूपी 100 मौके पर पहुंची और शव को उतारकर जिला अस्पताल ले गई। सूचना मिलने पर राघवेंद्र के पिता श्याम सिंह समेत परिवार के अन्य लोग भी दोपहर को अस्पताल पहुंच गए। पिता का आरोप है कि पत्नी रेनू समेत ससुराल पक्ष के लोगों ने उनके बेटे की हत्या की है। पत्नी हमेशा राघवेंद्र से रुपये मांगती रहती थी। वह रकम अपने मायके वालों को देती थी। हम लोगों से भी दूर रहने की बात भी कहती थी। छह महीने से उसने राघवेंद्र की उनसे बात तक नहीं होने दी। इससे पहले बात हुई थी तो बेटे ने बताया था कि पत्नी बहुत परेशान कर रही है। ससुर बोले, शराब पीने से मना करने पर बेटी से करते थे मारपीट
इधर, राघवेंद्र के ससुर लाखन सिंह निवासी अजीतनगर फ्रेंडस कालोनी इटावा ने बताया कि दामाद काफी शराब पीता था। लखनऊ से उसका इलाज चल रहा था। 15 दिन पहले ही उसकी दवा भी आई थी। पत्नी शराब पीने को मना करती थी। इसी कलह में यह घटना हुई है। रुपयों के आरोप पर कहा कि कोई कुछ भी कह सकता है, किसी का मुंह नहीं पकड़ा जा सकता। ये रही पारिवारिक स्थिति
अवर अभियंता के परिवार में पत्नी रेनू के अलावा दो बेटे यश (11) व युवी (6) हैं। राघवेंद्र तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। साल 2007 में उनकी शादी रेनू से हुई थी। रेनू के परिजनों के मुताबिक राघवेंद्र पत्नी से भी मारपीट करते थे, इसकी शिकायत भी पुलिस में पहले से दर्ज हो चुकी है। हालांकि बाद में दोनों के बीच समझौता हो गया था। भाई ने खंगाला फोन, स्टाफ से भी पूछताछ
राघवेंद्र के पिता संग भाई भी यहां पहुंचते ही आपा खो बैठा। काफी देर बाद खुद को संभाला तो सबसे पहले राघवेंद्र का मोबाइल फोन चेक किया। स्टाफ के लोग भी यहां पहुंच गए थे। उनसे भी पूछताछ की लेकिन सभी ने इन्कार कर दिया कि राघवेंद्र ने अपने पारिवारिक हालात के बारे में किसी को कुछ बताया था। शुक्रवार को ड्यूटी पर आने की बात स्टाफ के लोगों ने जरूर कही। महिलाओं के देते रहे दिलासा
जब राघवेंद्र की मौत की सूचना मिली तो पिता और भाई ने घर की महिलाओं से यही कह दिया कि तबीयत खराब है। देखने जा रहे हैं। उनके यहां पहुंचते फिर परिजनों का फोन आया तो नम आंखों से भाई यही कहते दिखे, वह आइसीयू में हैं। शाम को परिजन शव इटावा ले गए। वर्जन ::
कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिली तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट और तहरीर के आधार पर जांच की जाएगी। पोस्टमार्टम करवाया गया है, अभी रिपोर्ट नहीं मिली है।
- ओपी गौतम, एसएचओ सिविल लाइंस
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