आजम खां के समर्थन में किया मौन उपवास
इस्लामिक इंटेलेक्चुअल बोर्ड ने मौन उपवास रखकर रामपुर सांसद पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की।
उठाई आवाज
- रामपुर सांसद पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग
- मॉब लिंचिग की घटनाओं पर अंकुश लगाना जरूरी जागरण संवाददाता, बदायूं : इस्लामिक इंटेलेक्चुअल बोर्ड के चेयरमैन मौलाना डॉ.यासीन अली उस्मानी के नेतृत्व में रामपुर के सांसद आजम खां पर दर्ज मुकदमे और मॉब लिंचिग के विरोध में मौन उपवास किया। मॉब लिंचिग की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कानून बनाने तथा पीड़ितों को 25-25 लाख का मुआवजा देने की मांग की गई। इसके अलावा जौहर विश्वविद्यालय के हितों की रक्षा के लिए भी आवाज उठाई।
यूनियन क्लब में चल रहे मौन उपवास के दौरान डॉ.उस्मानी ने कहा कि कुछ दिनों से धर्म, मजहब, बिरादरी के के जुनून में भीड़ उग्र हो जा रही है। यहां तक की पीट पीटकर हत्या तक कर दी जा रही है। उन्होंने राष्ट्रपति से इस पर अंकुश लगाने के लिए कठोर कानून बनाने और पीड़ितों को मुआवजा दिलाए जाने की मांग की। रामपुर के जौहर विश्वविद्यालय के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि रामपुर जिला प्रशासन कई महीनों से विश्वविद्यालय के हितों के विरुद्ध काम कर रहा है। विवि के संस्थापक मो.आजम खां और दूसरे ट्रस्टीज के खिलाफ बेबुनियाद मुकदमे दर्ज कराकर बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है। राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर आजम खां पर लगे मुकदमों को वापस लेने की मांग की। संत रविदास सेवा न्यास के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार, सचिव क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन डॉ.सतीश कुमार ने भी आंदोलन का समर्थन किया। आइआइबी के सचिव अनस आफताब एडवोकेट, कोआíडनेटर साहिबे आलम खां, इबादुर रहमान, फरहद सिद्दीकी, मो.मियां, फाहद एडवोकेट, हाफीज इरफान, फखरे अहमद, इंदू सक्सेना, डॉ.नईम, डॉ.शकील, बलबीर सिंह आदि मौजूद रहे।