मांगें पूरी न होने पर सहकारी समितियों में तालाबंदी
उप्र सहकारी समिति कर्मचारी संघ के आह्वान पर चल रही कर्मचारियों ने हड़ताल ने आंदोलन का रूप ले लिया है।
बदायूं : उप्र सहकारी समिति कर्मचारी संघ के आह्वान पर चल रही कर्मचारियों ने हड़ताल ने आंदोलन का रूप ले लिया है। कर्मचारी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर गए तो समितियों में ताले पड़ गए। तालाबंदी होने से किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
सहकारी समिति के कर्मचारियों ने तीन सूत्रीय मांगों को लेकर पहले ही शासन को चेतावनी दी थी। कर्मचारियों ने पूर्व में प्रांतीय आह्वान पर रणनीति तैयार की और हड़ताल शुरू कर दी। सचिवों का कहना है कि वह बगैर वेतन के लंबे समय से सेवाएं देते आ रहे हैं। फिर भी सुविधाओं से वंचित रखा गया है। कहा कि दस सालों से उनके वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। वेतन की मांग को लेकर वह पहले भी कई बार चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन उनकी बात सुनने को कोई राजी नहीं है। कहा कि संयुक्त सहकारी समिति कर्मचारी समन्वय समिति के आह्वान पर एक नवंबर से आंदोलन तेज कर दिया गया है। समितियों से खेती के लिए उर्वरक, कीटनाशक दवाएं, खाद, बीज को उपलब्ध कराया जाता है, समितियां बंद होने से किसानों को समस्याएं आ रही हैं फिर भी सरकार सुनने को राजी नहीं है। इस मौके पर जयवीर ¨सह चौहान, जितेंद्र ¨सह राठौर, नानक चंद्र, मुकट ¨सह, विशेष पाल ¨सह, राजेश सोलंकी आदि मौजूद रहे।