बेमाने साबित हो रही हेल्पलाइन 181, ठप हुए रेस्क्यू
जिले में अगर किसी महिला के साथ अन्याय या उत्पीड़न हो रहा हो तो शासन द्वारा जारी हेल्पलाइन 181 न लगाएं तो बेहतर है। कॉल रिसीव होगी समस्या भी सुनी जाएगी लेकिन यह उम्मीद कतई नहीं की जा सकती कि हेल्पलाइन की टीम पहुंचेगी और समस्या का निस्तारण समेत आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। वजह है कि यहां टीम को मिले वाहन का डीजल खर्च तकरीबन चार महीने से नहीं आया है। इतना ही नहीं टीम में शामिल सदस्यों का मानदेय भी नहीं मिला है।
जागरण संवाददाता, बदायूं : जिले में अगर किसी महिला के साथ अन्याय या उत्पीड़न हो रहा हो तो शासन द्वारा जारी हेल्पलाइन 181 न लगाएं तो बेहतर है। कॉल रिसीव होगी, समस्या भी सुनी जाएगी लेकिन यह उम्मीद कतई नहीं की जा सकती कि हेल्पलाइन की टीम पहुंचेगी और समस्या का निस्तारण समेत आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। वजह है कि यहां टीम को मिले वाहन का डीजल खर्च तकरीबन चार महीने से नहीं आया है। इतना ही नहीं टीम में शामिल सदस्यों का मानदेय भी नहीं मिला है।
हेल्पलाइन पर नवंबर में जिलेभर से 29 शिकायतें दर्ज की गईं। चार का निस्तारण पुलिस की मदद से हुआ, जबकि केवल एक प्रकरण में आशा ज्योति केंद्र की टीम खुद रेस्क्यू करने पहुंची थी। बाकी के मामलों में क्या स्थिति है, यह खुद जिम्मेदारों को भी नहीं पता है। कुल मिलाकर बदायूं में इस महत्वाकांक्षी योजना को सिस्टम की अनदेखी पलीता लगा रही है। इंसेट
अर्द्धनग्न घूम रही महिला भी लापता
पिछले दिनों हेल्पलाइन के कंट्रोलरूम के शहर के एक व्यक्ति ने सूचना दी कि लालपुल पर मुक्तिधाम के पास एक महिला अर्द्धनग्न हालत में घूम रही है। देखने में वह विक्षिप्त लग रही है। महिला के साथ कोई अनहोनी न हो जाए, इसलिए 181 पर कॉल करके इसकी सूचना दी गई लेकिन वाहन के अभाव में टीम वहां नहीं पहुंच सकी। तीन बार सूचना के बाद संबंधित लोगों का भी इस हेल्पलाइन से भरोसा उठ चुका है। इंसेट
चार मामले निपटे
नवंबर में कुंवरगांव में एक व्यक्ति अपनी पत्नी को शराब पीकर रोजाना पीटता था और घरखर्च के रुपये भी नहीं देता था। यह मामला टीम ने संबंधित थाने की पुलिस के सहयोग से निपटाया। जबकि कादरचौक में भी घरेलू हिसा का एक प्रकरण सुलटा। सिविल लाइंस के शेखूपुर में बाल विवाह की सूचना टीम को मिली थी लेकिन इस मामले में भी पुलिस को ही सूचना देना पड़ गई। शहर में बाल विवाह के एक मामले में टीम पहुंची थी और परिजनों को चेतावनी देने के साथ ही किशोरी के शैक्षिक प्रमाण पत्र तलब किए थे। इंसेट
ऐसे दर्ज होती है शिकायत
- महिला उत्पीड़न की शिकायत टोल फ्री नंबर 181 पर की जाती है।
- यह शिकायत लखनऊ में दर्ज होकर बदायूं एकेजे टीम के पास पहुंचती है।
- लखनऊ से इसकी मॉनीटरिग होती है और स्थानीय टीम मौके पर जाती है।
- पीड़िता के इलाज से लेकर उसका मुकदमा दर्ज कराने व सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय टीम की होती है।
- जरूरत पड़ने पर संबंधित थाने की पुलिस का भी सहयोग लिया जाता है।
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