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बॉबी आढ़ती को लूटने आए थे, शिवम के साथ कर दी वारदात

जेएनएन बदायूं वजीरगंज के गल्ला व्यापारी शिवम की लूट के बाद हत्या करने वाले दो आरोपित पुि

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Oct 2021 12:30 AM (IST)Updated: Fri, 29 Oct 2021 12:30 AM (IST)
बॉबी आढ़ती को लूटने आए थे, शिवम के साथ कर दी वारदात

जेएनएन, बदायूं : वजीरगंज के गल्ला व्यापारी शिवम की लूट के बाद हत्या करने वाले दो आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं। एसएसपी डा. ओपी सिंह ने मामले का राजफाश करते हुए बताया कि वारदात करने आए बदमाश वजीरगंज के आढ़ती बॉबी को लूटने गए थे, लेकिन वारदात से ठीक पहले उनका फैसला बदला और उन्होंने शिवम को निशाना बनाया। इस मामले में कुल पांच नाम सामने आए हैं। मुख्य आरोपित किसी पुराने मामले में अपनी जमानत कटवाकर कोर्ट में पेश हो गया, जहां से उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल भेज दिया गया। वहीं शेष दो आरोपितों की पुलिस तलाश कर रही है।

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19 अक्टूबर को वजीरगंज थाना क्षेत्र के बघोल रोड पर होली चौक मुहल्ला निवासी गल्ला व्यापारी शिवम वाष्र्णेय से लूट के बाद गोली मारकर हत्या की गई थी। इस मामले में पुलिस ने पांच अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। सरेआम हुई वारदात से पुलिस की भी काफी किरकिरी हुई थी। एसएसपी डा. ओपी सिंह ने मामले में थाना वजीरगंज की तीन टीम और स्वाट टीम को इसके राजफाश के लिए लगाया था। पुलिस और स्वाट टीम ने सीसीटीवी फुटेज जुटाई। इसमें पहले और वारदात के करीब 16 फुटेज निकाले और उनका मिलान किया। वारदात में लाल रंग की गाड़ी का इस्तेमाल होना बताया गया था। पुलिस को एक लाल रंग की गाड़ी बिना नंबर की मिली, यहीं से सुराग हाथ लग गया। बाइक सवार उन तीनों युवकों की पहचान करते हुए पुलिस उनके घर पहुंची तो पता चला वह कई दिन से फरार हैं। जांच में पता चला कि वह वारदात के बाद से दिल्ली में हैं। पुलिस ने जाल बिछाया और दो आरोपितों को वजीरगंज तक ले आई। गुरुवार को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम वजीरगंज के मुहल्ला गोपालपुर निवासी मुनेश पुत्र मदनलाल व अरुण पुत्र महेश बताए। बताया कि पूरा षड़यंत्र मुहल्ले के ही सुनील पुत्र प्रेमपाल ने रचा था। वह लोग बघोल रोड पर बॉबी आढ़ती को लूटने गए थे, लेकिन उसी समय उन तीनों से एक ने उसे पहचान लिया। इस पर तीनों ने पास में ही फड़ लगा रहे शिवम को निशाना बनाया। इसके बाद सुनील ने उन दोनों के साथ दिल्ली भाग गया। जहां उसने अपने बहनोई पिटू की मदद से शरण ली। इसके बाद चैन स्नैचिग के एक पुराने मामले में जमानत कटवा कर जेल चला गया। इस बारे में उसने अपने भाई मुनेंद्र को भी जानकारी दी थी। पुलिस ने इस मामले में पिटू और मुनेंद्र को भी आरोपित बनाया है। पकड़े गए मुनेश और अरुण के पास से बिना नंबर की एक लाल रंग की बाइक और 2310 रुपये बरामद की है। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया है। 11,150 रुपये की हुई थी लूट

आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि उन्हें रुपये की सख्त जरूरत थी। इसलिए बॉबी की जगह शिवम को लूटा, लेकिन शिवम के बैग में मात्र 11150 रुपये ही निकले थे। गोली चल गई थी, इसलिए दिल्ली भाग गए। लूट की रकम को तीनों ने बराबर बाट लिया था। एसएसपी डा. ओपी सिंह ने बताया कि तीनों आरोपितों और उनकी मदद करने वाले दोनों लोगों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई भी की जाएगी। इसमें जो शरणार्थी है उसकी संपत्ति भी कुर्क की जाएगी। 17 लोगों की टीम ने दस दिन में किया राजफाश

एसएसपी ने इस राजफाश के थाने की तीन और एक स्वाट टीम लगाई थी। इसमें कुल 17 लोग शामिल थे। सीओ बिसौली विनय सिंह चौहान भी एक टीम का नेतृत्व कर रहे थे। आरोपितों को पकड़ने वाली टीम में थानाध्यक्ष वजीरगंज अवधेश सेंगर, उपनिरीक्षक नासिर खां, राजवली सिंह, हेड कांस्टेबल राजेंद्र सिंह, अमित कुमार, अंकित कुमार, सुनील कुमार व स्वाट टीम प्रभारी धमेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल सचिन झा, सराफत हुसैन, सचिन, लोकेंद्र, भूपेंद्र कुमार, प्रतीक्ष कुमार, कुशांत, आजाद कुमार और अतेंद्र शामिल थे।


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