इस तरह से गांवों में नहीं आएगी हरियाली, सड़कों पर ही सूख गए पौधे
जागरण संवाददाता बदायूं हाल ही में बीती पांच जुलाई को मनाए गए वन महोत्सव के दिन 39.09 लाख पौधों को एक ही दिन में लगाने का दावा किया। वन विभाग के साथ अन्य विभाग भी जुटे। पौधरोपण के लिए जिले के नोडल अधिकारी कमिश्नर भी आए। तमाम जनप्रतिनिधियों ने भी अलग-अलग क्षेत्रों में पौधरोपण किया था। मगर हकीकत तो यह है कि आधे से ज्यादा पौधे या तो ब्लॉक मुख्यालय पर पड़े रह गए या फिर हाईवे किनारे फेंक दिए गए।
जागरण संवाददाता, बदायूं : हाल ही में बीती पांच जुलाई को मनाए गए वन महोत्सव के दिन 39.09 लाख पौधों को एक ही दिन में लगाने का दावा किया। वन विभाग के साथ अन्य विभाग भी जुटे। पौधरोपण के लिए जिले के नोडल अधिकारी, कमिश्नर भी आए। तमाम जनप्रतिनिधियों ने भी अलग-अलग क्षेत्रों में पौधरोपण किया था। मगर, हकीकत तो यह है कि आधे से ज्यादा पौधे या तो ब्लॉक मुख्यालय पर पड़े रह गए या फिर हाईवे किनारे फेंक दिए गए।
मानसून सत्र शुरू होने पर वन महोत्सव में इस वर्ष पहले से ज्यादा पौधे लगाने की तैयारी की गई थी। एक दिन में 39 लाख से ज्यादा पौधे रोपने का दावा किया गया। लेकिन, जमीनी हकीकत अब सड़कों पर जाकर देखी जा सकती है। तमाम सड़कों पर ऐसे ही काली पन्नी लगे हुए पौधे छोड़ दिए गए हैं जो अब सूखने लगे हैं। इससे सिस्टम का सच सामने आने लगा है। ग्राम पंचायतों की करें तो वहां पर पौधे जाने से पहले ही दम तोड़ चुके हैं। सिस्टम ने दावा किया था कि मनरेगा से गांव में लगने वाले पौधों को बचाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गांव में पौधरोपण दिखाई नहीं दे रहा है तो मनरेगा से प्रवासियों को उनकी देखरेख के लिए कहां रखा जाएगा।
वर्जन ..
ब्लॉक मुख्यालय से अगर ग्राम पंचायतों को पौधे नहीं भेजे गए हैं तो इसकी जांच कराकर कार्रवाई कराई जाएगी। सड़कों पर पौधे डालने जैसी शिकायत नहीं मिली है। फिर भी पूरे मामले की पड़ताल कराकर कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
- डॉ. सरनजीत कौर, डीपीआरओ