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उघैती को नगर पंचायत बनाने की मिली मंजूरी

बीस हजार की आबादी वाले कस्बा उघैती को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने की शासन ने मंजूरी दे दी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 12:17 AM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 12:17 AM (IST)
उघैती को नगर पंचायत बनाने की मिली मंजूरी

बदायूं : बीस हजार की आबादी वाले कस्बा उघैती को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने की शासन ने मंजूरी दे दी है। नोटिफिकेशन जारी किए जाने से पहले आपत्ति मांगी गई है। आपत्ति निस्तारण के बाद इसकी घोषणा कर दी जाएगी। कस्बे से क्षेत्र के 80 गांव जुड़े हुए हैं। ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा मिल जाने से कस्बावासियों के साथ क्षेत्रीय ग्रामीणों को भी सहूलियत मिलेगी। उघैती को नगर पंचायत बनवाने के प्रयास तो बहुत पहले से किए जा रहे थे, लेकिन मामला अटक जा रहा था। पूर्व के प्रस्तावों में मिली खामियां को दूर कराते हुए इस बार प्रस्ताव भेजा गया था। परीक्षण के बाद शासन स्तर से इसे मंजूरी दे दी गई है। डीएम दिनेश कुमार ¨सह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उघैती को नगर पंचायत का दर्जा मिलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने बताया कि नोटिफिकेशन से पहले आपत्ति मांगी गई है। आपत्तियों का निस्तारण कराने के बाद ही शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिसके बाद नोटिफिकेशन प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उघैती को नगर पंचायत का दर्जा मिल जाने के बाद वहां के लोगों को नगरीय क्षेत्र में मिलने वाली सरकारी सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। इससे वहां की तस्वीर भी बदल जाएगी। अब उघैती के बदलेंगे हालात

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संसू, उघैती : पिछड़ेपन का दंश झेल रहे कस्बे के हालात अब बदल जाएंगे। यहां के लोग वर्षों से यह सपना देख रहे थे कि कब उघैती को नगर पंचायत का दर्जा मिलेगा ताकि सफाई, पेयजल, पथ प्रकाश, सड़क समेत मूलभूत सुविधाएं सुचारू हो सकेंगी। कस्बानुमा इस ग्राम पंचायत में संसाधन तो मिले हैं, लेकिन ग्राम पंचायत स्तर की सुविधाएं ही मिल पा रही हैं। छोटे-मोटे काम के लिए भी यहां के लोगों को बिल्सी, इस्लामनगर, बिसौली, सहसवान भागना पड़ता है, नगर पंचायत बन जाने से बहुत कुछ बदल जाएगा। शिक्षा के लिए कस्बे में संसाधनों का अभाव है। अभी तक यहां सरकारी इंटर कॉलेज तक नहीं खुल सका है। उपचार कराने के लिए यहां के मरीजों को बिल्सी या बदायूं भागना पड़ता है। बिल्सी 17 किमी और बदायूं 45 किमी दूर है। कस्बे में बना सरकारी अस्पताल खंडहर में तब्दील हो चुका है। एक विद्युत उपकेंद्र है जिस पर 5-5 केबीए के दो ट्रांसफार्मर रखे हैं जिससे सप्लाई सुचारू नहीं हो पाती है। पेयजल की भी समस्या बनी रहती है। कस्बे में आठ आढ़त, दो पेट्रोल पंप, सराफा बाजार, कपड़ा बाजार भी है। सर्व यूपी ग्रामीण बैंक की शाखा भी है, लेकिन स्टॉफ कम है। ग्राम प्रधान रामकुंवर का कहना है कि कस्बे को टाउन एरिया बनाने का प्रस्ताव पास हो गया है। दहगवां को नगर पंचायत बनाने का भी लंबित है प्रस्ताव

संसू, दहगवां : सहसवान तहसील क्षेत्र के कस्बा दहगवां को नगर पंचायत बनवाने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा जा चुका है। बीस हजार से अधिक आबादी वाले इस कस्बानुमा गांव में दो मेला लगता है। सीएचसी और विद्युत उपकेंद्र भी है। इस गांस से डल्लूपुर, नवाबगंज, गंगापुर, रियासतनगर मजरे भी जुड़े हुए हैं। गैस एजेंसी, पेट्रोल पंप के अलावा व्यवसायिक रूप से भी समृद्ध है, लेकिन नगर पंचायत नहीं बन सका है। प्रयास तो 1962 से चल रहे हैं, लेकिन अभी प्रस्ताव को मूर्त रूप नहीं दिया जा सका है। सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता का यह पैतृक गांव हैं, उनका कहना है कि नगर पंचायत का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। नगर विकास मंत्री से बात भी हो चुकी है, उम्मीद है कि जल्द ही प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी।


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