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दूर नहीं हुआ खाद का संकट, फिर हंगामा

जिले में किसान इस साल पिछले सालों की तुलना किसान की हालात ज्यादा ही खराब हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 12:12 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 12:12 AM (IST)
दूर नहीं हुआ खाद का संकट, फिर हंगामा

बदायूं : जिले में किसान इस साल पिछले सालों की तुलना किसान की हालात ज्यादा ही खराब हैं। किसान खाद और बीज के लिए तरस रहा है जिम्मेदार अधिकारी किसानों को कोई समस्या न होने का दिखावा करते हैं तो किसानों पर आई आफत उनके दावों को झूठा करार दे जाती है। मौजूदा वक्त में बात करें तो किसान खाद के लिए तरस रहा है किसी भी सेंटर पर उसको बगैर लाइन के खाद नहीं मिल पा रही है। शनिवार को भी मंडी समिति स्थित खाद बिक्री सेंटर पर किसानों को जरूरत के हिसाब से खाद नहीं मिल पाई। लाइन में लगने के बाद भी किसानों को खाद नहीं मिली तो किसानों का गुस्सा फूट गया। इसके बाद किसानों ने जमकर हंगामा किया। काफी देर तक हंगामा हुआ तो स्टाफ वहां से खिसक लिया।

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सुबह चार बजे से ही किसान खाद के लिए सेंटर पर पहुंच जाते हैं। मंडी समिति के सेंटर पर भी सुबह चार बजे से ही किसानों ने लाइन लगाना शुरू कर दिया। महिला किसान भी लाइन लगाकर खाद की आस देखने लगीं। दिन निकला और सुबह दस बजे तक उनको खाद नहीं दिया गया। इससे किसानों की संख्या बढ़ती गई तो उनका आक्रोश भी बढ़ गया। दोपहर तक खाद न मिलने पर किसानों ने जमकर हंगामा किया। किसानों का कहना है कि उनकी फसल को इस वक्त खाद की बेहद जरूरत है और सहकारी समितियों पर खाद नहीं मिल पा रही है। यूरिया के लिए किसान काफी हद तक परेशान है। इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से करो तो वह भी कोई सुनवाई नहीं करते। सिस्टम अन्य कार्यों में व्यस्तता होने की बात कहते हुए अपनी जिम्मेदारियों से मुकर रहा है। फिलहाल अधिकारियों ने किसानों को समझाकर शांत किया। घोटाले के बाद से आया संकट संसू, कछला : जिले में हुए तीन करोड़ के खाद घोटाले के बाद किसानों पर संकट आ गया है। नगर पंचायत में अभी भी यूरिया की धड़ल्ले से ब्लैक चल रही है। यूरिया का कट्टा ब्लैक में साढ़े तीन सौ रुपये का बेचा जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों से सांठगांठ होने की वजह से इन ब्लैकमेलों पर कोई लगाम नहीं लग पा रही है। शनिवार को किसान शिव ¨सह एक यूरिया का बैग लेने गया तो दुकानदार ने उसको साढ़े तीन सौ रुपये बताए। इस बात पर उसने अधिकारियों से शिकायत भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी।


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