बदायूं में एफसीआइ के गेहूं का नमूना फेल
वितरण को खराब चावल भेजकर फंसे भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के गोदाम से गेहूं का नमूना लिया। यह जांच रिपोर्ट में फेल हो गया है। डीएम ने इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी है। जिले में आए चावल लदे ट्रकों से सैंपलिग को क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय की टीम बुलाई थी। लेकिन बुधवार को कोई नहीं पहुंचा।
बदायूं, जेएनएन : वितरण को खराब चावल भेजकर फंसे भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के गोदाम से गेहूं का नमूना लिया। यह जांच रिपोर्ट में फेल हो गया है। डीएम ने इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी है। जिले में आए चावल लदे ट्रकों से सैंपलिग को क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय की टीम बुलाई थी। लेकिन, बुधवार को कोई नहीं पहुंचा। पूर्ति विभाग ने चावल लेकर पहुंचे 36 ट्रकों को जगह-जगह खड़ा करा दिया है। सैंपलिग होने के बाद ही चावल उतारा जाएगा।
जिले में 4,64,032 पात्र गृहस्थी, 44,561 अंत्योदय व 2,524 प्रवासी राशन कार्ड धारक है। प्रतिमाह इनको खाद्यान्न वितरण के लिए 363.09 क्विटल गेहूं, 242.76 क्विटल चावल की आपूर्ति एफसीआइ से होती है। पिछले महीने डोर स्टेप डिलीवरी शुरू हुई, तब पूर्ति विभाग की टीम ने एफसीआइ के बरेली स्थित रसोइया के गोदाम से गेहूं का सैंपल लेकर जांच को भेजा था। डीएसओ रामेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जांच रिपोर्ट में गेहूं का नमूना फेल हो गया है। वितरण के लिए भेजा रहा गेहूं खाने योग्य नहीं था। डीएम कुमार प्रशांत के माध्यम से शासन को रिपोर्ट भेजी है। जनवरी माह में वितरण को एफसीआइ ने मंगलवार को चार ट्रक चावल भेजा। म्याऊं पहुंचे ट्रक में चावल की गुणवत्ता खराब निकली। डीएम के निर्देश पर पूर्ति विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने सैंपल लिया था। अब जिले में 32 ट्रक चावल और आ गए हैं। जिला प्रशासन ने आरएफसी के क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय की टीम बुलाकर संयुक्त रूप से सैंपलिग कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन बुधवार को कोई टीम नहीं पहुंची। इसलिए 36 ट्रकों को जगह-जगह खड़ा करवा दिया है। डीएम ने क्षेत्रीय प्रबंधक आरएफसी को पत्र भी भेज दिया है। वर्जन ::
चावल के आरएफसी के 36 ट्रक आ चुके हैं। एक ट्रक से चावल का सैंपल कराया जा चुका है। क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय की टीम नहीं आने से सभी ट्रकों को जगह-जगह खड़ा करवाया है। डीएम ने पत्र भेजा है। उम्मीद है कि गुरुवार को टीम आएगी। फिर संयुक्त रूप से गुणवत्ता की जांच होगी। गुणवत्ता खराब होने पर उसे वापस भेज देंगे।
- रामेंद्र प्रताप सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी