किसान खाद के लिए परेशान, टोकन वालों को वरीयता
चौथे दिन लगातार खाद को लेकर किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा। गुरुवार को मंडी में टोकन वाले किसानों को वरियता दी गई तथा छुट्टा रुपये लौटाने के एवज में माचिस थमाई जा रही है। - बगैर टोकन के किसान गेट से बाहर करते रहे इंतजार - किसान स
जागरण संवाददाता, बदायूं : चौथे दिन लगातार खाद को लेकर किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा। गुरुवार को मंडी में टोकन वाले किसानों को वरियता दी गई तथा छुट्टा रुपये लौटाने के एवज में माचिस थमाई जा रही है।
मंडी समिति स्थित इफको किसान सेवा केंद्र पर टोकन वाले किसानों को वरीयता देते हुए पहले खाद दी गई। जबकि, पहली बार आए किसानों के लिए किसान सेवा केंद्र का गेट बंद कर दिया गया। दूसरी ओर छुट्टे रुपयों की जगह किसानों को माचिस देने से भी किसान परेशान रहे। खाद के लिए रुपये जमा करने वाली खिड़की पर पुलिसकर्मी की तैनाती की गई। आलम यह रहा कि बूंदाबांदी के दौरान महिलाओं ने छाता लगाकर अपना नंबर आने का इंतजार किया।
गुरुवार को मात्र 1014 कट्टे खाद प्राप्त होने की वजह से हर किसान को चार कट्टे ही दिए गए। एक कट्टे की कीमत 266 रुपये 50 पैसे के हिसाब से एक हजार 66 रुपये जमा किए जा रहे हैं किसानों के 1100 रुपये जमा करने पर उन्हें तीस रुपये और चार माचिस थमाई जा रही हैं। वहीं, किसानों ने आरोप लगाया कि सेवा केंद्र से अपने लोगों को बुधवार की शाम माचिस में रखकर टोकन दिए गए।
वहीं, बुधवार को सुबह से लेकर शाम तक यूरिया के 1340 कट्टे बांटे गए। खाद वितरण करने के बाद अगले दिन के लिए सौ पुरूष, 54 महिलाएं और छह दिव्यांगों को टोकन दिया गया था, जिसपर किसान सेवा केंद्र की मुहर लगी थी। खाद के लिए रुपये जमा करने के लिए खाताबही, आधार कार्ड भी मांगा गया। टोकन होने पर किसानों पर पुलिसर्किमयों ने सख्ती दिखाई। उन्हें किसान सेवा केंद्र के भीतर नहीं आने दिया गया। इस दौरान किसानों की आपस में भी बहस हुई। किसानों से बात :
खाद को लेकर किसानों के सामने सबसे ज्यादा समस्या आ रही है। खाद की जरूरत के समय ही हर बार यही स्थिति होती है। सुधार का कोई इंतजाम नहीं है।
- राम सिंह फोटो 22 बीडीएन 08
अपने लोगों को ही शाम ही टोकन का वितरण हो रहा है, जिसमें खास लोगों को ही माचिस में रखकर टोकन दिए जा रहे हैं और बाकी किसानों को अनदेखा किया जा रहा है।
- चोखे लाल फोटो 22 बीडीएन 09
किसान सेवा केंद्र पर क्या माचिस की फैक्ट्री है? जो किसानों को रुपये के बदले माचिस थमाई जा रही हैं। टोकन का नया खेल अपने लोगों को लाभ देने का है।
- जौहर सिंह फोटो 22 बीडीएन 10
दिव्यांग व महिलाओं तक को किसान सेवा केंद्र से बाहर कर दिया गया। दिव्यांगों के पास प्रमाण पत्र होने के बाद भी पूरा दिन इधर-उधर परेशान घूम रहे हैं।
- करम सिंह