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मलेरिया के बाद अब फैल्सी पैरम वायरस ने बरपाया कहर

अभी तक वायरल, टायफाइड और मलेरिया से जूझ रहे बदायूं में फैल्सी पैरम फैल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 11:22 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 11:22 PM (IST)
मलेरिया के बाद अब फैल्सी पैरम वायरस ने बरपाया कहर
मलेरिया के बाद अब फैल्सी पैरम वायरस ने बरपाया कहर

बदायूं-सिलहरी : अभी तक वायरल, टायफाइड और मलेरिया से जूझ रहे बदायूं में मलेरिया का खतरनाक वायरस मिला है। फैल्सीपैरम मलेरिया नाम के इस वायरस की चपेट में लोग आने लगे हैं। अभी तक जगत ब्लाक में पांच मरीज ऐसे मिले हैं। जबकि 29 संभावित मरीज हैं। इनकी रिपोर्ट सोमवार को मिलेगी। ऐसे में यह कहना भी गलत नहीं होगा कि अभी तक मरने वाले मरीजों में कई इस वायरस की चपेट में भी आए होंगे और समय रहते स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांवों में न पहुंचने के कारण उनकी मौतें हुई होंगी। पांच मौतें जगत क्षेत्र में इस बुखार से होने की पुष्टि हुई है।

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शासन की टीम सोमवार को जहां मलेरिया से जंग लड़ने उतरी थी। वहीं जांचों में पांच मरीजों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। जबकि 29 में संभावना जताई गई है। इस वायरस की खासियत यह है कि सही इलाज न मिलने पर दो से तीन दिन में वायरस की चपेट में आने वाले व्यक्ति की मौत हो जाती है। ब्लाक जगत इलाके में हुए मरीजों के स्वास्थ्य परीक्षण में सोमवार को फाल्सीपैरम मलेरिया के छह मरीज मिले। सीएचसी प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि गांव रुखड़ा खोला में ऐसे मरीज मिले हैं। पांच में पुष्टि होने पर उनका इलाज शुरू कर दिया है। जबकि 29 मरीजों की किट से जांच में इसकी पुष्टि हुई है। ब्लड सैंपल बदायूं भेजा गया है। सोमवार को रिपोर्ट आने पर इसकी पुष्टि हो सकेगी। पांच लोगों की इस बीमारी से मौत भी हुई है। इसकी रिपोर्ट अधिकारियों को भेज दी गई है। इधर, जिला मलेरिया अधिकारी वीके शर्मा ने बताया कि मलेरिया किट से जांच के दौरान लगभग 20 से 25 संभावित मरीज ऐसे मिले हैं। यह वायरस जगत ब्लाक के अलावा सलारपुर और दातागंज के समरेर में सबसे ज्यादा सक्रिय पाया गया है।

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सभी का चल रहा इलाज

जगत सीएचसी प्रभारी ने बताया कि सभी मरीजों का उनके घर पर ही इलाज किया जा रहा है। फैल्सी पैरम निवारक दवाइयां उन्हें दी जाने लगी हैं। एक बच्चे की हालत गंभीर होने पर उसे हायर सेंटर रैफर करना पड़ा। बाकी के मरीजों में धीरे-धीरे सुधार आएगा। मंगलवार को पुन: टीम जाकर इनकी जांच करके दवा देगी।

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ये हैं लक्षण

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. सुकुमार अग्रवाल ने बताया कि मलेरिया दो प्रकार का होता है। एक बाइवैक्ट तो दूसरा फैल्सी पैरम मलेरिया। फैल्सी पैरम बेहद खतरनाक वायरस है। इसकी चपेट में आने लक्षण मलेरिया वाले ही रहते हैं लेकिन रक्त कोशिकाएं काफी तेजी से टूटने लगती हैं। खून की कमी वाले मरीजों को यह और जल्दी खतरनाक बन जाता है। दो से तीन दिन में मरीज की मौत हो जाती है। हालांकि अगर इलाज समय रहते मिल जाए तो जान बचाई जा सकती है। हमारे यहां जिला अस्पताल में कोई ऐसा मरीज अभी तक जांच में नहीं मिला है।


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