टेस्ट के बाद ही बनेंगे ड्राइविग लाइसेंस
ड्राइविग लाइसेंस बनवाने के लिए अब आवेदकों को टेस्ट प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। टेस्ट में पास हुए तो लाइसेंस बनेगा और फेल होने पर अगली बार का इंतजार करना होगा। परिवहन विभाग को जमीन मुहैया कराए जाने तक यह अस्थाई व्यवस्था की गई है।
जागरण संवाददाता, बदायूं : ड्राइविग लाइसेंस बनवाने के लिए अब आवेदकों को टेस्ट प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। टेस्ट में पास हुए तो लाइसेंस बनेगा और फेल होने पर अगली बार का इंतजार करना होगा। परिवहन विभाग को जमीन मुहैया कराए जाने तक यह अस्थाई व्यवस्था की गई है। एआरटीओ प्रशासन एनसी शर्मा और आरआइ प्रशांत कुमार ने विभाग के पास मौजूद संसाधन से ड्राइविग टेस्ट की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कार्यालय में मौजूद सामान को व्यवस्थित रूप से रखकर टेस्ट लिया जा रहा है। आरआइ अपने सामने ही गाड़ी चलवाकर देखते हैं। दो पहिया वाहनों को चलाकर और चार पहिया वाहन को बैक करके देखने के बाद ही आवेदक को पास किया जा रहा है। आरआइ ने बताया कि ड्राइविग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले ज्यादातर आवेदकों को यातायात नियमों की जानकारी नहीं है और न ही उन्हें सही गाड़ी चलानी आती है। ऐसे लोग रोड पर गाड़ी चलाते समय दुर्घटना का कारण बनते हैं। जिसके चलते अस्थाई रुप से टेस्ट की प्रक्रिया शुरू की है। ड्राइविग ट्रैक मिलने तक इसी प्रकार से टेस्ट होंगे। ड्राइविग ट्रैक के लिए खोज रहे जमीन
उपसंभागीय परिवहन विभाग की ओर से वर्षों से ड्राइविग ट्रैक के लिए जमीन की खोज की जा रही है। जमीन उपलब्ध न होने की वजह से ड्राइविग टेस्ट के लिए ट्रैक नहीं बन पा रहा है। अब तक आवेदन करने के बाद निर्धारित तिथि पर ऑनलाइन टेस्ट देते थे। उपसंभागीय परिवहन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत हुए और बन गया ड्राइविग लाइसेंस।