Badaun News: बाढ़ खत्म होने के बाद भी कटान करते गांव तक पहुंची गंगा, दर्जनों गांवों की ओर बढ़ रहा खतरा
बिल्सी विधानसभा में गंगा नदी कटान को लेकर बाढ़ खंड विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कटान रोकने के लिए बड़ा काम कराना पड़ता है। इसके लिए बजट भी काफी चाहिए इसलिए करीब दो करोड़ रुपये की परियोजना बनाकर शासन को भेज दी है।
बदायूं, जागरण संवाददाता। बरसात के बाद बाढ़ का समय खत्म हो गया है। गंगा उफान पर भी नहीं है, लेकिन कटान करती हुई गंगा गांव के पास तक पहुंच गई है। कटान इसी तरह चलता रहा तो तोफीनगला गांव का धर्मशाला गंगा में समा जाएगा। एक-दो नहीं दर्जन भर से ज्यादा गांव को खतरा बना हुआ है।
बिल्सी विधानसभा क्षेत्र में खिरकवारी, मानपुर, तौफी नगला, तेलिया नगला सहित दर्जनों गांव की ओर बाढ़ खत्म होने के बाद भी गंगा का कटान कम नहीं हुआ है। रफ्तार के साथ कटान चल रहा है। कटान गांव में धर्मशाला के पास आ गया है दो चार दिन में धर्मशाला गंगा में समा जाएगी।
तोफी नगला निवासी सामाजिक कार्यकर्ता तिलक सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर भेजा है। जिसमें पूरी घटना की जानकारी दी है और ग्रामीणों की समस्या को बयां किया है। कहा कि अगर ऐसा ही कटान चलता रहा तो ग्रामीणों के गांव तो कट ही जाएंगे, जिसके बाद रहने को ग्रामीणों के पास न आवास रहेंगे और नहीं घर में रखा सामान बचेगा। कहा कि इसमें जनहानि भी हो सकती है।
दो करोड़ का भेजा प्रस्ताव
बिल्सी विधानसभा में गंगा नदी कटान को लेकर बाढ़ खंड विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कटान रोकने के लिए बड़ा काम कराना पड़ता है। इसके लिए बजट भी काफी चाहिए इसलिए करीब दो करोड़ रुपये की परियोजना बनाकर शासन को भेज दी है। शासन से स्वीकृति के बाद काम शुरू कराया जाएगा। यहां गंगा कटान रोकने के लिए करीब एक दर्जन से ज्यादा गांव क्षेत्र में काम कराना पड़ेगा।
तोफी नगला पुल को सबसे ज्यादा खतरा
गंगा महावा नदी पर बिल्सी विधानसभा में तोफी नगला के पास बीते महीनों में पुल बनकर तैयार हुआ है अभी उद्घाटन भी नहीं किया गया है। यह पुल कछला-सहसवान मार्ग के लिए बना है। इस पुल पर आसपास के 60 गांव का आवागमन बना रहता है। गंगा कटान ऐसे ही चलता रहा तो गांव के बाद पुल पर कटान शुरू हो जाएगा।
अधिकारियों को दिए गए निगरानी के निर्देश
बाढ़ खंड विभाग के एक्सईएन उमेश चंद्र ने कहा कि ग्रामीणों की शिकायत ठीक है गंगा कटान कर रही हैं ग्रामीणों को दिक्कत है। हमने ग्रामीणों की शिकायत पर बनाकर दो करोड़ की परियोजना शासन को भेज दी है। शासन स्वीकृति के बाद काम करा दिया जाएगा। तब तक एई और जेई को लगातार निरीक्षण कर निगरानी को निर्देशित किया है।