मनुष्यों के विवाद में डॉगी ने झेली दो दिन की सजा
बदायूं में मालिकाना हक के विवाद में एक कुत्ते को दो दिन तक पुलिस कस्टडी में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा।
बदायूं (जेएनएन)। एक बेजुबान को दो दिन पुलिस अभिरक्षा में रहना पड़ा। कडकड़ाती ठंड में वह मालिक के घर की जगह थाना प्रांगण में पुलिस के पहरे में रहा। मामला बदायूं का है, जहां पर दो लोगों में डॉगी के मालिकाना हक का विवाद था।
मालिकाना हक के विवाद में एक कुत्ते को दो दिन तक पुलिस कस्टडी में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। असली मालिक ने कुत्ते के बचपन का फोटो सबूत के तौर पर पेश किया तो पुलिस ने कुत्ता उसकी सुपुर्दगी में दे दिया। पुलिस ने दूसरे दावेदार को सख्त चेतावनी देकर छोड़ दिया।
बदायूं के महाराजनगर निवासी मोनू शर्मा ने तीन दिन पहले पुलिस को सूचना दी कि उनका काले रंग का लैबराडोर नस्ल का कुत्ता तीन महीने पहले गायब हो गया था, जिसे अब उन्होंने नेकपुर मुहल्ले में एक घर की छत पर देखा।
पुलिस ने मोनू की मदद से कुत्ते को बरामद कर सिविल लाइंस थाने में बांध दिया। इस बीच नेकपुर निवासी निशांत कुमार गौतम ने कुत्ते पर अपना मालिकाना हक पेश कर दिया। पुलिस ने कुत्ते को कस्टडी में रखकर दोनों लोगों से सबूत मांगे। दोनों ने कुत्ते के साथ फोटो पेश किए। मोनू के पास कुत्ते के बचपन से लेकर अब तक हर आयु के फोटो थे। मोनू ने यह भी बताया कि कुत्ते की पूंछ में तीन जगह बल पड़े हैं। वहीं, निशांत इतने साक्ष्य नहीं दे सके।
सीओ सिटी वीरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि कुत्ते का असली मालिक मोनू हैं। कुत्ता गायब होने पर निशांत के पास पहुंच गया था। निशांत की दावेदारी गलत पाई गई। इसी कारण कुत्ते को असली मालिक मोनू के हवाले कर दिया गया।