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स्टाफ नदारद, कराहते मिले मरीज, ठिठुरते तीमारदार

अच्छे इजाज और बेहतर देखभाल के विश्वास के साथ तीमारदार अपने मरीज को जिला अस्पताल लाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 12:40 AM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 12:40 AM (IST)
स्टाफ नदारद, कराहते मिले मरीज, ठिठुरते तीमारदार
स्टाफ नदारद, कराहते मिले मरीज, ठिठुरते तीमारदार

बदायूं : अच्छे इजाज और बेहतर देखभाल के विश्वास के साथ तीमारदार अपने मरीज को जिला अस्पताल लाते हैं। विश्वास की यह जमीन लापरवाही के कारण दरक रही है। देखभाल करने वाले कर्मचारी ही रात होते ही ड्यूटी से नदारद रहते हैं। इसकी पोल खुली मंगलवार रात प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के औचक निरीक्षण में। आधा दर्जन से ज्यादा वार्ड में स्टाफ नदारद था तो रैनबसेरा पूरी तरह बंद मिला। तीमारदार रात भर खुले आकाश तले ठिठुरते रहे।

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प्रभारी सीएमएस डॉ. यूवी सिंह रात 12 बजे के बाद मुआयने पर निकले थे। आर्थो, सर्जरी, बाल रोग, मेडिसिन सहित सभी सात वार्डो की स्थिति देखी। नर्सिग टेबल पर रात्रि ड्यूटी का रजिस्टर चेक किया तो हकीकत पता चली। जिन कर्मचारियों की ड्यूटी थी वह वार्ड में दिखे ही नहीं। सीन एक : सर्जीकल वार्ड

वार्ड में 20 से अधिक मरीज थे। ज्यादातर सभी सो चुके थे। कुछ मरीज दर्द से कराहते मिले, लेकिन देखरेख करने वाला कोई नहीं था। स्टाफरूम में कुर्सियां खाली पड़ी थीं। कर्मचारी नदारद थे। सीन दो : आर्थोपेडिक वार्ड

इस वार्ड में भी केवल मरीज ही मिले। भीतर स्टाफ रूम बंद था। जाग रहे मरीजों व तीमारदारों ने बताया कि रात करीब नौ बजे डॉक्टर का राउंड होने के बाद से स्टाफ के लोग भी निकल गए। तब से नहीं आए। सीन-3 : चौकीदार लापता, बंद रहा रैनबसेरा

अस्पताल प्रशासन ने रैनबसेरा शुरू होते ही इसे खोलने-बंद करने और देखभाल के लिए चौकीदार तैनात किया था। मंगलवार रात चौकीदार दिनेश के न आने से रैनबसेरा बंद रहा। कुछ तीमारदारों ने बरामदों में तो कई ने खुले में रात गुजारी। अलाव तक नहीं जला।

डॉक्टरों के राउंड होते ही सरक लेता है स्टाफ

जिला अस्पताल में स्टाफ की यह मनमानी नई नहीं है। सर्दी शुरु होने के बाद से इमरजेंसी को छोड़ बाकी वार्डो से कर्मचारी डॉक्टरों के राउंड होते ही सरक लेते हैं। भर्ती मरीज को तकलीफ होने पर तीमारदार इमरजेंसी की दौड़ लगाते हैं। वहां का स्टाफ भी केवल अपने वार्ड में भर्ती मरीजों को ही देखने का हवाला देकर टरका देता है।

मरीजों को अस्पताल से केवल एक कंबल

भर्ती मरीजों को सर्दियों में बेड पर दो कंबल और एक तकिया देने का प्रावधान है। सीएमओ की तरफ से निर्देश भी हैं। बावजूद इसके केवल एक ही कंबल दिया जा रहा। ठंड बचाने को मरीजों को घर से कंबल, लोई लाने पड़ते हैं। गैरहाजिर कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी

सीएमएस ने निरीक्षण के दौरान मिली इन खामियों पर बुधवार को एक्शन शुरू कर दिया। गैरहाजिर पाए गए तीन स्टाफ नर्स, चार वार्ड ब्वॉय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सभी कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अनुपस्थिति का उचित कारण और संतोषजनक जवाब न मिलने पर कर्मचारियों पर कार्रवाई होनी तय है।

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इन्फो बॉक्स - 7 वार्ड(इमरजेंसी, सर्जिकल, आर्थो, पेइंग, बर्न, आई व आइसोलेशन वार्ड)

- 224 बेड क्षमता

- 65 वर्तमान में भर्ती मरीज

- 16 व्यक्ति की रैन बसेरा की क्षमता

वर्जन..

निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित मिले कर्मचारियों को नोटिस दे दिए हैं। स्टाफ ज्यादातर नदारद रहता है, इसकी जानकारी नहीं है। अपने स्तर से जांच कराएंगे। रात में निरीक्षण भी कराएंगे। जो कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं मिलेगा उसके खिलाफ लिखापढ़ी होगी।

डॉ. यूवी ¨सह, प्रभारी सीएमएस


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