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जवाहरबाग कांड के आरोपित को गांव में तलाशती रही सीबीआइ

मथुरा के जवाहरबाग कांड के आरोपितों से सीबीआइ ने एक बार फिर पूछताछ शुरू की है। बवाल के मुख्य आरोपित रामवृक्ष का मददगार राकेश गुप्ता व एक अन्य यहां रहता है। गुरुवार को टीम दोनों से पूछताछ के लिए पहुंची थी। एक दिन आरोपितों को गांव में तलाशने में गुजर गया। बाद में शहर में रहने की जानकारी मिली तो शुक्रवार को उससे पूछताछ हो सकी। शनिवार को भी टीम बरेली मंडल में ही कुछ अन्य आरोपितों की तलाश में लगी रही।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 12:39 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 12:39 AM (IST)
जवाहरबाग कांड के आरोपित को गांव में तलाशती रही सीबीआइ
जवाहरबाग कांड के आरोपित को गांव में तलाशती रही सीबीआइ

जेएनएन, बदायूं : मथुरा के जवाहरबाग कांड के आरोपितों से सीबीआइ ने एक बार फिर पूछताछ शुरू की है। बवाल के मुख्य आरोपित रामवृक्ष का मददगार राकेश गुप्ता व एक अन्य यहां रहता है। गुरुवार को टीम दोनों से पूछताछ के लिए पहुंची थी। एक दिन आरोपितों को गांव में तलाशने में गुजर गया। बाद में शहर में रहने की जानकारी मिली तो शुक्रवार को उससे पूछताछ हो सकी। शनिवार को भी टीम बरेली मंडल में ही कुछ अन्य आरोपितों की तलाश में लगी रही।

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मूलरूप से हजरतपुर के गांव गढि़या शाहपुर निवासी राकेश गुप्ता दातागंज की प्रसिद्धपुर साधन सहकारी समिति में सचिव था। वर्ष 2016 में मथुरा जवाहरबाग कांड हुआ तब पुलिस को पता चला कि उसका बवाल के मुख्य आरोपित रामवृक्ष से संपर्क था। राकेश उसे रसद व हजरतपुर की कटरी में बने तमंचे आदि पहुंचाता था। इसके बदले मोटी रकम लेता था। उसने आलीशान घर भी बनवा लिया था। जवाहरबाग कांड होने के बाद उसहैत की कटरी में एक आश्रम में छिप गया था। 17 जून, 2016 को राकेश और उसके साथी वीरेश यादव की गिरफ्तारी हुई। राकेश के लाइसेंस निरस्त किए गए और समिति से बर्खास्त कर दिया गया था।

कागजों में दर्ज था गांव का पता

पुलिस के कागजों में राकेश का पता गांव का दर्ज था। इसी आधार पर टीम गुरुवार को गढि़या शाहपुर पहुंची थी। गोपनीय रूप से उसके बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया। बाद में पता चला कि जवाहरबाग कांड होने के बाद वह महज दो बार गांव आया था। बदायूं शहर में इंदिरा चौक के पास भी उसकी मकान है, वहीं रहता है। शुक्रवार को टीम वहां पहुंची। उससे पूछताछ की। दूसरे आरोपित वीरेश यादव को भी वहीं बुलाया गया। दोनों के बयान दर्ज किए गए।

बताया जाता है कि टीम को बरेली व पीलीभीत में भी कुछ आरोपितों की तलाश है। मगर, बरेली के एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि सीबीआइ के आने की जानकारी नहीं है।

यह था जवाहरबाग कांड

मथुरा के जवाहरबाग में रामवृक्ष व उसके कई लोगों ने कब्जा कर लिया था। पुलिस कब्जा हटाने पहुंची तो भीड़ हमलावर हो गई थी। जिसमें दो पुलिसकर्मी शहीद हुए थे, दो दर्जन से ज्यादा कब्जाधारी मारे गए।

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सीबीआइ के आने की सूचना पर प्रशासन ने टीम को ठहरने का इंतजाम कराया था। वे लोग अपनी गोपनीय तफ्तीश कर रहे हैं।

- कुमार प्रशांत, डीएम, बदायूं


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