सेवानिवृत्त शिक्षक हत्याकांड: बहू और बेटे समेत पांचों आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर, कोर्ट ट्रायल भी शुरू
Budaun News वजीरगंज थाना क्षेत्र के गांव अमरोली निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक की हत्या उनके बेटे और बहू ने ही बरेली के शूटरों से कराई थी। वारदात 18 अक्टूबर को हुई और पुलिस को इसका राजफाश करने के लिए आठ दिन लगे।
जागरण संवाददाता, बदायूं : पुलिस ने सेवानिवृत्त शिक्षक हत्याकांड का पर्दाफाश किया है। जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र के गांव अमरोली निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक की हत्या उनके बेटे और बहू ने ही बरेली के शूटरों से कराई थी। वारदात 18 अक्टूबर को हुई और पुलिस को इसका राजफाश करने के लिए आठ दिन लगे। बता दें पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए दिन रात भटकती रही क्योंकि सीधे बेटे या बहू पर हाथ भी नहीं डाल सकते थे। इसलिए पहले उन्हें ढूंढा जो हत्या कर भागे थे। पुलिस ने जब उन्हें पकड़ा तो बेटा-बहू भी पकड़े गए। इस मामले में पुलिस के पास सीसीटीवी फुटेज, गोली मारते समय सत्यपाल की बाइक पर बैठे बाबा के बयान और बरामद तमंचे से मिले फिंगरप्रिंट समेत कई साक्ष्य हैं। इन्हें आधार बनाते हुए पुलिस ने कुछ दिन पहले पांचों आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट लगाई। अब इसका ट्रायल भी शुरू हो गया है।
जमीन और पैसे के लिए कराई थी हत्या
दरअसल, अमरौली निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक सत्यपाल के दो बेटे हैं। सत्यपाल पहले छोटे बेटे विपिन के साथ रहते थे। उन्होंने विपिन को भैंस खरीद कर दूध का व्यवसाय शुरू कराया था। उसे एक ट्रैक्टर, एक कार और चंदौसी में एक प्लाट खरीदकर दिया था, लेकिन हत्या के कुछ माह पहले छोटी बहू पूजा का खराब व्यवहार देखकर वह बड़े बेटे हरीश के साथ रहने लगे। इसके बाद से वह बड़े बेटे हरीश को रुपये और प्रापर्टी देने लगे। चंदौसी का मकान भी वह हरीश के नाम करने की सोच रहे थे। इसकी जानकारी लगने पर छोटे बेटे विपिन की पत्नी पूजा ने अपने फुफेरे भाई बरेली के कंगेरी निवासी राहुल के साथ मिलकर अपने ससुर की हत्या की साजिश रची। इसमें विपिन भी शामिल हो गया।
ऐसे कराई थी हत्या
बेटा विपिन, उसकी पत्नी पूजा और पूजा के फुफेरे भाई राहुल ने बरेली के दो शूटरों से संपर्क किया। इसमें बरेली के थाना बारादरी के मुहल्ला अशोक विहार संजय नगर निवासी आर्यन उर्फ कुनाल सिंह और कोतवाली क्षेत्र के मुहल्ला बांसमंडी निवासी अरुण शामिल थे। 18 अक्टूबर को जब सत्यपाल सिंह बाजार गए तो इसकी जानकारी भी पूजा ने ही शूटर आर्यन और अरुण को दी थी, जबकि विपिन पहले से ही सैदपुर बाजार में चला गया था। सत्यपाल जैसे ही अमरौली और सैदपुर के बीच पहुंचे तभी शूटरों ने आकर उन्हें गोली मार दी, लेकिन उस समय उनकी बाइक पर एक बाबा बैठे थे, जिसने बाइक पहचान ली थी।
चार्जशीट में इन्हें पुलिस ने बनाया आधार
पुलिस को यह वारदात खोलने में आठ दिन का समय लगा। दिन रात एक करने के बाद सीसीटीवी फुटेज से मिले बाइक के नंबर से शूटर पकड़े गए। दोनों शूटरों ने राहुल का नाम बताया और उसने विपिन व पूजा का नाम बताया। पुलिस ने पांचों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। इसके बाद विवेचना शुरू की तो सब साक्ष्य पुलिस के पास थे। पुलिस ने वारदात के चश्मदीद बाबा, सीसीटीवी फुटेज, वारदात में प्रयुक्त तमंचा व पूजा एवं शूटरों की काल डिटेल आदि को आधार बनाते हुए आरोप पत्र तैयार किए हैं। इसमें शूटर आर्यन और अरुण को हत्या का, जबकि विपिन, पूजा और राहुल को षड़यंत्र रचने का आरोपित बनाया है। आरोप पत्र दाखिल होने के बाद कोर्ट में इसका ट्रायल शुरू कर दिया गया है।
वहीं इस घटना को लेकर वजीरगंज प्रभारी निरीक्षक धनंजय पांडेय का कहना है कि, सेवानिवृत्त शिक्षक की हत्या के मामले में एक नहीं बल्कि कई मजबूत साक्ष्य हैं। उन्हें ही आधार बनाते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई। ट्रायल शुरू हो गया है। आरोपितों को सजा जरूर मिलेगी।