टूटे शीशे व बगैर फॉग लाइट के फर्राटा भर रहीं रोडवेज बसें
सर्दी शुरू हो चुकी है। ज्यादा जरूरत होने पर यदि आप लोग रात में भी सफर पर निकल रहें तो सावधान हो जाएं।
बदायूं : सर्दी शुरू हो चुकी है। ज्यादा जरूरत होने पर यदि आप लोग रात में भी सफर पर निकल रहे हैं तो अपने साधन से तो ठीक, लेकिन अगर सरकारी सुविधा पर निर्भर हैं तो मत चलिए। परिवहन निगम की रोडवेज बसें रात के समय यात्रा के दौरान राहत नहीं दे पाएंगी। किसी बस की खिड़की के शीशे टूटे हुए हैं तो किसी का बस का फर्श कभी भी नीचे गिर सकता है। सीटें भी क्षतिग्रस्त हैं। रात के समय यात्रा करने के बाद भी बसों के इंडीकेटर सही नहीं कराए हैं। बहुत रोडवेज बसों में फॉग लाइटें ही नहीं लगी हैं। स्पीड पर नियंत्रण रखने को लगाए गए वीटीएस भी खराब हो चुके हैं। फोटो 16 बीडीएन 14
बहुत सी रोडवेज बसों में पीछे की सीटें पूरी तरह से टूट चुकी हैं। चालकों के मांग करने के बाद भी सुनवाई नहीं होती। यात्रियों को रात के समय बहुत कष्टदायी होता है। फोटो 16 बीडीएन 15
बहुत सी रोडवेज बसों में फर्श टूटे हुए हैं। कभी-कभार तो यात्रियों के नीचे गिरने का खतरा बना रहता है। यूपी 25 बीटी 2618 में फर्श पूरी तरह से टूट चुका है। कई बार मांग के बाद भी सही नहीं कराया गया।
फर्श फोटो 16 बीडीएन 16, 17
सर्दी व कोहरा शुरू हो चुका है। लेकिन रोडवेज बसों में फॉग लाइट की व्यवस्था नहीं की गई है। बहुत सी बसों से लाइटें गायब होने के बाद अलावा इंडीकेटर तक गायब हो चुके हैं। रात के समय चालक परेशानी सहन करते हैं, लेकिन अधिकारियों से शिकायत नहीं कर पाते। फोटो 16 बीडीएन 18
रोडवेज बसों की स्पीड पर लगाम कसने को रोडवेज के साथ-साथ अनुबंधित बसों में भी वीटीएस लगाए गए थे। जिससे तेज बस चलाने पर अधिकारियों की नजर रहे, लेकिन लगवाने के कुछ ही दिनों में ज्यादातर वीटीएस खराब हो गए और सही नहीं कराए गए। फोटो 16 बीडीएन 19
यात्रियों को सुविधा मुहैया कराने को डिपो परिसर में पूछताछ केंद्र बनाया गया है, लेकिन अक्सर ही वहां से कर्मचारी गायब रहते हैं। बसों की जानकारी के लिए यात्रियों को इधर-उधर भागना पड़ता है।