.. तो शहरवासी अंधेरे में मनाएंगे दिवाली
नगरपालिका की अनदेखी के चलते इस बार शहरवासी अंधेरे में ही दिवाली मनाएंगे।
बदायूं : नगरपालिका की अनदेखी के चलते इस बार शहरवासी अंधेरे में ही दिवाली मनाएंगे। वो इसलिए, शहर की पथ प्रकाश व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। शहरवासियों ने तमाम शिकायतें कीं, लेकिन किसी स्तर पर गौर नहीं किया गया। जबकि पथ प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त करने के नाम पर लाखों रुपये का बजट पालिका खर्च करती है।
दिवाली पर जहां पहले से ही व्यवस्था दुरुस्त कर ली जाती है, वहीं अब प्रकाश के पर्व पर लाइटों की मरम्मत कराने की सुध नहीं ली जा रही है। पथ प्रकाश व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए तत्कालीन चेयरमैन फात्मा रजा के समय में जेनरेटर से सप्लाई शुरू की गई थी। बिजली कटौती होने पर आधे से ज्यादा शहर चमकता रहता था। कुछ समय तक यह व्यवस्था सही चली इसके बाद देखरेख के अभाव में जेनरेटर सप्लाई बंद हुई तो आधे से ज्यादा लाइटें बाजार से गायब हो गईं। लाइटों के गायब होने पर समस्या फिर से पुराने ढर्रे पर पहुंच गई। इसके बाद लाइटों के मरम्मत के नाम पर तमाम बजट निकाला गया, लेकिन वह कागजों में ही खर्च कर लिया गया। कागजों में बजट खर्च होने की मार शहरवासियों पर पड़ रही है। उसकी बड़ी वजह है कि शहर में अधिकांश ठिकानों पर लगीं लाइटें खराब होने के बाद भी पालिका की ओर से मरम्मत नहीं कराई गई है। नई लाइटें नहीं लगवाई गईं तो मरम्मत के नाम पर भी कुछ नहीं किया गया। अब दीवाली पर शहर को रोशन करने के पालिका दावा कर रही है, जबकि हकीकत है कि तमाम स्थानों से शिकायतें मिलने के बाद भी कुछ नहीं किया जा रहा है।