बदायूं के मेडिकल कालेज को आक्सीजन प्लांट का इंतजार
कोरोना काल में आक्सीजन की कमी काफी हद तक दूर हुई है। लेकिन राजकीय मेडिकल कालेज में लगने वाले दोनों आक्सीजन प्लांट अभी धरातल पर नहीं आ सके हैं। इनके लिए शासन से अनुमति के साथ एक प्लांट के लिए बजट भी मिल गया है। वहीं विधायक निधि से लगने वाले प्लांट के लिए भी जनप्रतिनिधियों ने बजट आवंटित कर दिया है। फिर भी प्लांट कब तक लगेंगे। इसकी जानकारी किसी पर नहीं है।
बदायूं, जेएनएन : कोरोना काल में आक्सीजन की कमी काफी हद तक दूर हुई है। लेकिन, राजकीय मेडिकल कालेज में लगने वाले दोनों आक्सीजन प्लांट अभी धरातल पर नहीं आ सके हैं। इनके लिए शासन से अनुमति के साथ एक प्लांट के लिए बजट भी मिल गया है। वहीं, विधायक निधि से लगने वाले प्लांट के लिए भी जनप्रतिनिधियों ने बजट आवंटित कर दिया है। फिर भी प्लांट कब तक लगेंगे। इसकी जानकारी किसी पर नहीं है। हालांकि, दावा जल्द प्लांट लगने का है।
कोरोना काल में पिछले दिनों राजकीय मेडिकल कालेज से जिला अस्पताल तक आक्सीजन का संकट रहा था। यहां से लेकर लखनऊ और मंडल मुख्यालय हाय तौबा मची। आक्सीजन की कमी से कोविड और नान कोविड मरीजों की भी जान गई। इसके बाद आक्सीजन समस्या के स्थायी समाधान को राजकीय मेडिकल कालेज में दो आक्सीजन जनरेटर प्लांट की मंजूरी मिली। शासन ने एक प्लांट के लिए 93 लाख रुपये का बजट भी आवंटित कर दिया, जबकि दूसरे प्लांट के लिए जन प्रतिनिधियों की निधि से बजट का इंतजाम कराया है। मेडिकल कालेज प्रशासन ने बजट की आधी धनराशि कंपनी के खाते में भी हस्तांतरित कर दी है। लेकिन, अभी तक प्लांट लगाने की शुरूआत नहीं हो सकी है। जबकि शासन ने प्रावधान किया है कि कंपनी के खाते में बजट पहुंचने के बाद 30 दिन मे प्लांट नहीं लगा तो बजट में कटौती कर ली जाएगी, जिसका खामियाजा कंपनी को भुगतना पड़ेगा। इसके अलावा जिला अस्पताल और सीएचसी घटपुरी में भी आक्सीजन प्लांट लगवाने की प्रक्रिया चल रही है। राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.धर्मेंद्र गुप्ता का कहना है कि शासन मिले बजट का 50 फीसद कंपनी के खाते में भेजा जा चुका है। उम्मीद है जल्द ही प्लांट लग जाएगा।