दीपावली पर एक्यूआइ पहुंचा 300 पार
कोरोना काल में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली लखनऊ समेत कई बड़े शहरों में आतिशबाजी पर रोक लगा दी गई थी लेकिन जिले में लोगों ने सेहत की परवाह किए बिना जमकर आतिशबाजी की।
जेएनएन, बदायूं : कोरोना काल में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली, लखनऊ समेत कई बड़े शहरों में आतिशबाजी पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन जिले में लोगों ने सेहत की परवाह किए बिना जमकर आतिशबाजी की। इसकी वजह से जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 300 पार तक पहुंचा। जो कि अमूमन 150 से 170 के बीच रहता है।
अंधाधुंध चलाए गए पटाखों ने फिजाओं में जहर घोल दिया है। बढ़े वायु प्रदूषण ने सांस के मरीजों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। कोरोना महामारी के चलते सात महीने से सामूहिक आयोजनों पर रोक लगी थी। इससे हवा भी काफी हद तक शुद्ध हो गई थी। इसका प्रभाव शहर के वातावरण में भी नजर आया। लेकिन, दीपावली के सप्ताहभर पहले आतिशबाजी के बाजार लगने का निर्णय हुआ। फिर क्या था आतिशबाजों ने भी दुकानें सजा लीं। शनिवार को दीपावली के दिन शाम ढलते ही आतिशबाजी का दौर शुरू हुआ तो देर रात तक जारी रहा। लोगों ने कोरोना काल में पहली बार सार्वजनिक रूप से एक साथ मिलकर कोई त्योहार मनाया। इस खुशी में आतिशबाजी भी जमकर की। गोवर्धन पूजा के दिन रविवार शाम को भी शहर में आतिशबाजी होने लगी थी, लेकिन इसी बीच बरसात शुरू हो जाने से पटाखों की आवाज बंद हो गई। आतिशबाजी के कारण शनिवार रात से ही धुंध जैसे हालात दिखने लगे थे। रविवार शाम भी धुंध छाई रही। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डा.अमित वाष्र्णेय का कहना है कि पटाखों से निकले प्रदूषण के चलते सांस, दमा और अस्थमा के मरीजों की दिक्कत बढ़ी है। बाहर निकलने से पहले मास्क जरूर लगाए।