पीडब्ल्यूडी के सिविल जेई को दे दिया सभी निकायों का चार्ज
लोक निर्माण विभाग में तैनात जेई को किसी भी निकाय में अन्य कार्य का चार्ज नहीं दिया जा सकता।
बदायूं : लोक निर्माण विभाग में तैनात जेई को किसी भी निकाय में अन्य कार्य का चार्ज नहीं दिया जा सकता। किसी भी नगर पालिका या फिर नगर पंचायत में अगर निर्माण कार्य की जांच होती है तो उसको सहायक के रूप में तकनीकी जांच के लिए नामित किया जा सकता है। शासनादेश है कि निर्माण कार्य के अलावा वह नगर पालिका या फिर नगर पंचायत के किसी अन्य कार्य को नहीं देखेगा। हैरत की बात है कि शासनादेश को दरकिनार करते हुए यहां पीडब्ल्यूडी के ही एक जेई को सभी नगर पालिका और नगर पंचायतों में होने वाले विद्युत और लोहे के कार्यो का चार्ज दे दिया गया है। नियम विरुद्ध चार्ज की वजह से पूरा सिस्टम ही सवालों के घेरे में आ गया है।
अवर अभियंता मनोज कुमार सेंगर की मूल तैनाती पीडब्ल्यूडी में है। वह पीडब्ल्यूडी के ही जेई हैं। सिविल के जेई होने की वजह से उनको निर्माण कार्यो के अलावा किसी अन्य कार्य का जिम्मा नहीं दिया जा सकता। तकनीकी ज्ञान उनको निर्माण कार्यो का ही है ऐसी स्थिति में किसी भी सूरत में वह दूसरे कार्यों की गुणवत्ता चेक नहीं कर पाएंगे। शासनादेश भी यही है। लेकिन उनको एक-दो नहीं बल्कि सभी निकायों में विद्युत और लोहे के कार्यो का तकनीकी जेई बना दिया गया है। निकायों का चार्ज उनको शासन स्तर से नहीं, बल्कि स्थानीय अधिकारियों की ही मेहरबानी से मिला है। सिविल के जेई को निकायों में अन्य कार्यो का चार्ज होने के पीछे कारण क्या है वह किसी से छिपा नहीं है। मोटी कमीशन के चलते अधिकारी उनपर पूरी तरह से मेहरबान हैं। हैरत की बात तो यह है कि उनके खिलाफ यहां से लेकर राज्य सूचना आयुक्त तक शिकायतें चल रही हैं फिर भी कोई कार्रवाई को तैयार नहीं होता है। सपा सरकार में भी बोलती थी जेई सेंगर की तूती
तत्कालीन सपा सरकार में भी जेई सेंगर की तूती बोलती थी। आर्थिक सांठगांठ के चलते नेता उनपर पूरी तरह से मेहरबान रहे और उनको कई नगर पालिका और नगर पंचायतों में बिजली, लोहे का चार्ज दिलाया गया था। उस वक्त भी वह सपा के ही एक कद्दावर नेता के करीबी होने की वजह से चर्चा में रहे थे। भाजपा सरकार जब सत्ता में आई तो माना जा रहा था कि जेई सेंगर का रुतबा अब खत्म हो जाएगा और उनको मूल तैनाती वाले विभाग में ही भेज दिया जाएगा। मगर, यहां भी उन्होंने यहां भी अपनी पैठ बना ली। इसके बाद उनके अधिकार और बढ़ा दिए गए। वर्जन :
पीडब्ल्यूडी के सिविल जेई को किसी अन्य कार्य का चार्ज नहीं दिया जा सकता। वह निर्माण कार्यो की ही गुणवत्ता चेक करेगा। पीडब्ल्यूडी के जेई को अगर निकायों में लोहे और बिजली के कार्य का चार्ज दिया गया है तो यह नियम विरुद्ध है। यह सब उनके समय में नहीं हुआ है। वह इसकी जांच कराकर कार्रवाई करेंगे।
- राम निवास शर्मा, एडीएम प्रशासन
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