आधार कार्ड ने घटाया बच्चों का फर्जी नामांकन
परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड बनने से फर्जी नामांकन घट गए।
बदायूं : परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड बनने और यू-डायस से डाटा इंट्री होने की वजह से विद्यालयों में अब तक चल रहे फर्जी नामांकन घट गए। परिषदीय विद्यालयों में नामांकन कराकर प्राइवेट विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों का नामांकन नहीं हो सका। इससे स्कूलों का नामांकन कम हुआ है। इसका खुलासा बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से तैयार रिपोर्ट में हुआ है। बेसिक शिक्षा निदेशक के पिछले वर्ष का तुलनात्मक नामांकन की जानकारी तलब करने के बाद विभाग ने यही रिपोर्ट भेजी है।
वर्ष 2004-05 में विद्यालयों का नामांकन 389226 था। उस समय विद्यालयों की संख्या 2889 थी। जिसके बाद तीन विकास क्षेत्रों के 431 विद्यालय सम्भल जिले में चले गए, लेकिन नामांकन को लेकर ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। विद्यालयों में फर्जी नामांकन जारी रहा, लेकिन दो वर्ष से परिषदीय विद्यालय के हर छात्र-छात्रा का आधार कार्ड जारी हो गया तो नामांकन लगभग स्थिर बना हुआ है। वर्ष 2016-17 में 249131 नामांकन हुआ जिसके प्राथमिक विद्यालयों का नामांकन 10791 कम हुआ। इसके अगले वर्ष 2017-18 में 238519 नामांकन हुआ जो पिछले वर्ष की तुलना में 10612 कम नामांकन हुआ।
विभाग ने यह बताए कारण
- परिषदीय विद्यालयों में सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के साथ-साथ प्राइवेट विद्यालयों में नामांकन कराया जाता था। जिसकी वजह से दो जगह नामांकन होने की वजह से ज्यादा संख्या दिखती थी।
- बदायूं के तीन विकास क्षेत्र रजपुरा, जुनावई, गुन्नौर के 431 विद्यालय सम्भल जिले में शामिल होने की वजह से नामांकन कम हुआ।
- नामांकन छात्रों की डिजिटल फोटोग्राफी होने की वजह से डुप्लीकेट नामांकन में कमी आई।
- डायस डेटा प्रभावी होने के कारण, विद्यार्थीवार आंकड़ा प्रपत्र के अनुसार छात्रों की ऑनलाइन डाटा इंट्री होने और आधार कार्ड बनाए जाने के बाद से नामांकन कम हुआ।
पिछले पांच वर्ष का डाटा -
सत्र प्रावि नामांकन उप्रावि का नामांकन
2013-14 259736 68832
2014-15 255049 67342
2015-16 259922 70479
2016-17 249131 68205
2017-18 238519 70391 वर्जन..
बेसिक शिक्षा निदेशक ने पिछले वर्षो के तुलनात्मक नामांकन की जानकारी मांगी थी। 14 वर्षो के नामांकन का पूरा डाटा भेज दिया है। छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड बनने और ऑनलाइन डाटा इंट्री के बाद से फर्जी नामांकन बंद हो गए हैं।
- रामपाल ¨सह राजपूत, बीएसए