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खर्च हो गए 43 लाख, शुरू नहीं हुआ डोर-टू डोर कूड़ा कलेक्शन

खर्च हो गए 43 लाख शुरू नहीं हुआ डोर-टू डोर कूड़ा कलेक्शन

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 12:45 AM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 12:45 AM (IST)
खर्च हो गए 43 लाख, शुरू नहीं हुआ डोर-टू डोर कूड़ा कलेक्शन
खर्च हो गए 43 लाख, शुरू नहीं हुआ डोर-टू डोर कूड़ा कलेक्शन

खर्च हो गए 43 लाख, शुरू नहीं हुआ डोर-टू डोर कूड़ा कलेक्शन

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जेएनएन, बदायूं : स्वच्छ भारत मिशन में डोर टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का सपना शहर में साकार नहीं हो पाया। सरकार ने पैसा खर्च किया अफसरों ने बनाकर खड़ा किया लेकिन एमआरएफ सेंटर की बिल्डिंग सफेद हाथी बनकर रह गई। लाखों रुपये खर्च होने के बाद नतीजा यह आया की ताला लगाकर अफसर और जनप्रतिनिधि भी भूल गए। इसीलिए कूड़ा कलेक्शन की डोर टू-डोर सुविधा धरातल पर नहीं आ पाई। शहर नगर पालिका में स्वच्छ भारत योजना के तहत मीरा सराय रोड़ स्थित एमआरएफ सेंटर बनाया गया। दो वर्ष पहले एमआरएफ सेंटर संचालित करने तक शहर के लोगों को कूड़ा कलेक्शन का बड़ा सपना दिखाया गया। नगर पालिका ने इसके संचालन पर 43 लाख रुपये खर्च किया। एमआरएफ सेंटर पर शहर के घर-घर से कूड़ा कलैक्शन होकर जाना था। शहर में कूड़ा कलैक्शन योजना लागू होनी थी, जिसके बाद सेंटर पर मशीनें लोहा, प्लास्टिक, फट्टा, कांच अलग-अलग एकत्र हो जाता है। इससे नगर पालिका को आर्थिक आय भी मिलती साथ ही शहर में सफाई व्यवस्था सुधर जाती। जिस तरह से शुरू में चलाया गया उससे लग रहा था कि नगर पालिका को तो हर महीने लाखों रुपये का राजस्व मिलता। मगर अफसरों की मानें तो यह सब सिर्फ एक एजेंसी न मिलने की वजह से रूका है। अधिकारी व जनप्रतिनिधि कहते हैं एजेंसी नहीं मिल रही है इसलिए एमआरएफ सेंटर को नहीं चला पा रहे हैं। पहले भी पांच करोड़ हो चुके हैं खर्च नगर पालिका ने जिस तरह से वर्तमान में एमआरएफ सेंटर बनाकर खड़ा कर दिया है। ऐसे खुनक गांव में कूड़ा निस्तारण के लिए टीटमेंट प्लांट बनाया गया था उस पर पांच करोड़ रुपये का बजट खर्च किया गया था। करोड़ों रुपये के वाहन एवं यंत्र खरीदे गए थे जो धीरे-धीरे कबाड़ा बनाकर बेंचने पड़ रहे हैं। मगर प्लांट आज तक नहीं चल पाया। माडल का इंतजार करते रह गए लोग नगर पालिका ने एमआरएफ सेंटर बनाने के दौरान शहर में मॉडल का ट्रायल किया था। इसके लिए शहर की मधुवन कालोनी, जवाहरपुरी, आवास विकास सहित कई प्रमुख कालोनी में घरों को चिन्हिंत किया गया था। हर घर से 50 रुपये महीने तय किए गये थे कि 50 रुपये देने होंगे। इसके बाद सफाई कर्मी आपके घर से रोजाना कूड़ा उठाकर ले जाएगा। जब तक मॉडल चला तो अच्छा लगा लेकिन लौटकर व्यवस्था बनकर नहीं चल पाई। नगर पालिका का एमआरएफ सेंटर चालू हालत में हैं अभी तक कोई एजेंसी नहीं मिली है जो इस काम को कर सके। इसलिए सेंटर बंद है। जैसे ही एजेंसी मिल जाएगी तभी सेंटर और कूड़ा कलेक्शन का कार्य शुरू करा देंगे। अमित कुमार, प्रभारी ईओ


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