34 बीघा गेहूं जल गए, नहीं पहुंची दमकल गाड़ी
गांव पिपरिया में हाईटेंशन तार टूटकर गिरने से लगी आग में 34 बीघा गेहूं राख हो गया।
संस, बिसौली : गांव पिपरिया में हाईटेंशन तार टूटकर गिरने से लगी आग में 34 बीघा गेहूं राख हो गया। फोन करने के बाद भी फायर ब्रिगेड मौके पर नहीं पहुंची। इससे ग्रामीणों का पारा चढ़ गया। आक्रोशित लोगों ने गांव के बाहर प्रदर्शन किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने प्रदर्शनकारी ग्रामीणों को दौड़ा दिया। इसके बाद क्षति का आंकलन करने पहुंची राजस्व विभाग की टीम से भी ग्रामीणों की नोकझोंक हुई।
जनपद की सीमा पर स्थित गांव पिपरिया में बुधवार को सुबह दस बजे आग ने तांडव शुरू कर दिया। गांव के पास ही कयूम, नौशे और साकिर के करीब 34 बीघा खेत में गेहूं की फसल है। इन खेतों के ऊपर से हाईटेंशन तार गुजर रहे हैं। बुधवार सुबह तेज हवा के कारण इन तारों में से उठी ¨चगारी गेहूं की लहलहाती फसल के ऊपर गिर गई। फिर क्या पल भर में ¨चगारी विकराल आग में बदल गई। आग की ऊंची-ऊंची लपटों को देखकर गांव वाले भागकर खेतों की ओर दौड़ पड़े। उन्होंने आग बुझाने का काफी प्रयास किया लेकिन आग की लपटों के सामने बेवस नजर आए। कुछ ही देर में चौंतीस बीघा गेहूं की फसल स्वाह हो गई। इधर, कुछ लोगों ने फायर ब्रिगेड को फोन कर दिया। बावजूद इसके फायर ब्रिगेड नहीं आयी। इससे ग्रामीणों का आक्रोश भड़क गया। भीड़ गांव के बाहर सड़क पर आ गई। ग्रामीणों ने फायर ब्रिगेड के खिलाफ प्रदर्शन किया। बताते है कि इसी बीच किसी ने पुलिस में प्रदर्शन की सूचना दे दी। इस पर थाना फैजगंज बेहटा की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। भीड़ ने पुलिस को भी आड़े हाथ ले लिया। इससे खाकी का दिमाग ठनक गया और प्रदर्शनकारी ग्रामीणों को दौड़ा लिया। इधर, घटना की जानकारी होते ही तहसील प्रशासन की टीम भी गांव में पहुंची। उन्हें देखकर अग्निकांड से आक्रोशित लोगों का गुस्सा मुखर हो गया। भीड़ ने टीम से अभद्रता की। काफी समझाने बुझाने के बाद गांव वालों का गुस्सा शांत हुआ। तीन घंटे बाद भी फायर ब्रिगेड नहीं पहुंची। क्षेत्रवासियों में इस घटना को लेकर भारी रोष है। जान पर खेलकर ग्रामीणों ने बुझाई आग
चार घंटे तक हाईटेंशन लाइन में बिजली दौड़ती रही। ग्रामीणाों ने जान पर खेलकर आग बुझाई। बताते हैं कि एक तरफ आग की लपटें उठ रहीं थीं। ऊपर से गुजरती हाईटेशन लाइन। गांव वालों के हाथों में सिर्फ छोटी छोटी बाल्टियां ही थीं। आग बुझाने में गांव के कई युवकों के हाथ भी झुलस गए, फिर भी उन्होंने आग बुझाई। अग्निकांड में जल गए बेटी की शादी करने के अरमान
खेतों में लहलहाती फसल को लेकर किसानों ने कई सपने संजोए थे। गांव वाले आग बुझा रहे थे, उधर आग में सपने राख होते देखकर परिवार वाले रो रहे थे। शाकिर अपनी बेटी की शादी गेहूं की फसल बेचकर करने की सोच रहा था लेकिन पल भर में सब कुछ राख हो गया। यह सब देखकर हर आंख नम हो गई।
वर्जन ::
अग्निकांड के पीड़ित किसानों की क्षति का राजस्व विभाग से आंकलन करा रहे हैं। रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन स्तर से मदद कराई जाएगी।
- मो.आवेश, एसडीएम बिसौली