21 की खत्म तो 22 नए अपराधियों की खुली हिस्ट्रीशीट
पुलिस की धरपकड़, परिजनों को थाने में बैठाना समेत खुद को जेल जाने से तंग आकर जिल
बदायूं : पुलिस की धरपकड़, परिजनों को थाने में बैठाना समेत खुद को जेल जाने से तंग आकर जिले में 21 अपराधी ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपराध से तौबा कर खुद को बदल लिया है। एक दौर ऐसा भी था, जब इनका दबंगई चरम पर थी। लेकिन पिछले पांच साल से सबकुछ शांत था। उम्र के आखिरी पड़ाव पर पहुंचने पर पुलिस ने भी इनकी हिस्ट्रीशीट खत्म कर दी। वहीं, 22 नए शातिर अपराधियों की हिस्ट्रीशीट जिले के थानों में खुल गई।
जिले में पिछले दिनों हिस्ट्रीशीटरों की समीक्षा हुई तो पता लगा कि 131 ऐसे लोगों की निगरानी पुलिस अपने रिकार्ड में कर रही थी, जो इस दुनिया में नहीं हैं। नाम के आगे स्वर्गीय लिख चुका है लेकिन बीट के सिपाही लगातार बीटबुक में यह बता रहे थे कि संबंधित हिस्ट्रीशीटर कहां गया, किससे मिला और उसकी आय का जरिया क्या है। समीक्षा के बाद मृत हिस्ट्रीशीटरों के नाम थानों से हटाए गए और कई सिपाहियों के खिलाफ जांच शुरू की गई। इधर, लगातार लूट, हत्या, डकैती समेत राहजनी की घटनाओं को अंजाम देने वाले 22 ऐसे अपराधी भी चिह्नित हुए, जिनकी निगरानी जरूरी थी। ऐसे में उनकी हिस्ट्रीशीट खोल दी गई। पुलिस की नजर में 21 अपराधी अब अपराध नहीं करते
- जिले में ऐसे 21 हिस्ट्रीशीटर मिले हैं, जिन्होंने पिछले पांच साल से किसी तरह की आपराधिक घटना को अंजाम नहीं दिया है। यहां तक कि किसी के साथ गालीगलौज तक करने की शिकायत नहीं हुई है। इनकी हिस्ट्रीशीट बंद कर दी गई है। मौजूदा वक्त में ये केवल पुराने मुकदमों की तारीख करने पहुंच रहे हैं। वर्जन
पांच साल तक कोई आपराधिक घटना न करने वाले शातिरों की हिस्ट्रीशीट बंद कर दी गई है। हालांकि 22 आदतन अपराधी मिले हैं, इनकी निगरानी के लिए हिस्ट्रीशीट खुलवाई गई है। निगरानी की जा रही है।
- जितेंद्र श्रीवास्तव, एसपी सिटी