परमिट नौ का भर रखी थीं 16 सवारी
उझानी में हुए सड़क हादसे में 14 लोग घायल हुए।
जेएनएन, बदायूं : उझानी में हुए सड़क हादसे में 14 लोग घायल हुए। जबकि दो महिलाओं को जान गंवाना पड़ गई। इस पूरे मामले में एक बात स्पष्ट है कि डग्गामार मैजिक वाहन में 16 सवारियां भरी हुई थीं। कुछ भीतर थीं तो कुछ लोगों को बाहर पायदान पर लटका लिया गया था। वो भी उन हालात में जब पुलिस और एआरटीओ द्वारा समय-समय पर अभियान चलाते हुए वाहन चालकों पर जुर्माना और सीज जैसी कार्रवाई करने का दावा किया जाता है। यह दावे किस हद तक सच्चे हैं, इससे पर्दा उठाने के लिए शुक्रवार सुबह हुए हादसे में घायल लोगों की संख्या काफी है। जिले में बिसौली, दातागंज, बिनावर, अलापुर व कछला समेत विभिन्न रूटों पर डग्गामार वाहनों का कब्जा रहता है। पुलिस लाइन से लेकर कलेक्ट्रेट तिराहा और शहर के भीतरी हिस्सों से यह डग्गामार सवारियां लेकर विभिन्न रूटों को जाते हैं। वाहनों में सवारियों को इतनी बुरी तरह भरा जाता है कि ओवरलोडिग के चलते हादसों की हर वक्त आशंका रहती है। रही बची कसर वाहनों के पीछे लगे पायदान समेत दोनों दरवाजों पर बैठाकर सफर कराने में पूरी कर दी जाती है। एआरटीओ द्वारा इन डग्गामारों को नौ सवारियां बैठाने का परमिट मिलता है लेकिन किसी भी वाहन में 16 से 18 सवारी से कम नहीं बैठाई जातीं। इंसेट
हर जगह टिकाते हैं मत्था
- कुछ डग्गामारों ने दो टूक बताया कि सवारियां भरने से लेकर उन्हें मंजिल तक पहुंचाने के बीच पड़ने वाले चौकी-थानों पर मत्था टिकाना जरूरी होता है। जबकि टैक्स भी महीने पर देना है। ऐसे में कम सवारियां बैठाकर डग्गामारी से बचत आना असंभव है। वहीं किसी सवारी से किराए आदि को लेकर झगड़ा होने पर भी संबंधित इलाके की पुलिस पूरी मदद करती है। इंसेट
हादसे के बाद बौखलाई पुलिस
उझानी में हादसे की सूचना और इतने ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर लगते ही शहर में ट्रैफिक पुलिस सक्रिय हो गई और वाहनों के पायदान कटवाना शुरू कर दिए। हालांकि अगर पहले ही पुलिस चेत जाती तो शायद यह हादसा न होता।
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