खुशबू गुलाब में है पसीना रसूल का..
सैदपुर (बदायूं) : जश्ने ईद मिलादुन्नवी के चलते कस्बे के मुहल्ला खेड़ा सादात चौक पर एक रोजा कांफ्रेंस
सैदपुर (बदायूं) : जश्ने ईद मिलादुन्नवी के चलते कस्बे के मुहल्ला खेड़ा सादात चौक पर एक रोजा कांफ्रेंस बनाम विलादते मुस्तफा बड़ी शान शौकत के साथ मनाया गया। कांफ्रेंस की शुरूआत तिलावते कलामे इलाही से हाफिज रिजवान खान ने की। निजामत राहत अशर्फी मुरादाबादी ने की सदारत ईदगाह के पूर्व इमाम हाजी सिब्ते अहमद की रही जबकि हजरत व उलेमाओं की गुलपोशी हाजी मास्टर स्वालेह अली व सय्यद निशात अली ने की। इसके बाद नात व मनकवत के साथ उलेमाओं ने तकरीर पेश की।
सय्यद जहीरूल हसन सैदपुरी ने पढ़ा- खुदा के समाने जब पेश होंगे हिंद के सुन्नी, करेंगे ख्वाजा जी आकर वकालत देखते रहना। अनवर कादिरी ने पढ़ा- खुशबू गुलाब में है पसीना रसूल का, उम्मत को मुबारक हो यह महीना रसूल का। इसके साथ ही किछौछा शरीफ के मशहूर मौलाना शहशाहे खितावत सय्यद मुहम्मद हाशमी मियां के पुत्र अल्हाज मुफ्ती कारी सय्यद मुहम्मद नूरानी मियां अशर्फी जीलानी की आमद पर नारों के साथ फूलों की बौछार की गई। जहां उन्होंने कुरान व हदीस की रोशनी में हमारे प्यारे नवी की विलादत बयान करते हुए कहा अल्लाह ने प्यारे नवी को अपने नूर से पैदा फरमाया जब हमारे प्यारे नवी दुनियां में आए तो तमाम बुराई दूर हुई लड़कियों को नई जिंदगी मिली उस समय अरब देशों में लड़कियों को जिंदा दफन कर दिया जाता था प्यारे नवी ने बेटियों की इज्जत करना हमें सिखाया साथ ही गरीबों की मदद करना सिखाया इस शेयर पर पूरे मजमे में नारे गूंज गए- नैमते रखके खिलाया तो सभी करते हैं, फाका कर करके खिलाए वो घर आपका है। इसके साथ मौलाना रफीक अहमद व मुफ्ती फाजिल ने भी तकरीर पेश की सलातो सलाम के बाद दुआ खैर की गई व शीरीनी तस्कीम की गई। इस मौके पर सय्यद आतिफ अली, शाकिर अली, हाजी रहमत अली, रफ्फन अली, कैसर अली, अकवर अली, पुत्तन अली, तहव्वर अली सहित कमेटी के सभी लोगों का पूर्ण सहयोग रहा।