11 आशा वर्कर बनीं निजी अस्पतालों की एजेंट, जाएगी नौकरी
सरकारी अस्पतालों के बजाए निजी नर्सिग होमों की एजेंट बनकर काम कर रहीं आशा वर्करों की छट्टी होगी।
बदायूं : सरकारी अस्पतालों के बजाए निजी नर्सिग होमों की एजेंट बनकर काम कर रहीं आशा वर्करों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। इन पर कमीशनबाजी के चक्कर में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का प्रसव सरकारी अस्प्ताल में न कराकर प्राइवेट नर्सिग में कराने के आरोपों की पुष्टि हुई है। सोमवार को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक लेते हुए डीएम ने इस कृत्य में लिप्त पाई गई आशा वर्करों की सच्चाई सामने आने पर 11 की सेवा समाप्ति के आदेश दे दिए। साथ ही लंबे समय से एक ही सरकारी अस्पताल में जमी स्टाफ नर्सो व संविदा पर लगे चिकित्सकों का भी स्थानांतरण करने के आदेश दिए।
सोमवार को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में डीएम दिनेश कुमार ¨सह ने स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल पाईं। संस्थागत प्रसव एवं नसबंदी कार्य की प्रगति शून्य पाई गई। यह बात भी खुली कि ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात आशा वर्कर कमीशन के लिए चालबाजी दिखा रही हैं। सरकारी अस्पताल की बजाय महिलाओं का प्राइवेट अस्पताल में प्रसव करा रही हैं।
इनकी सेवा समाप्ति के आदेश
इस पर डीएम ने बिसौली सीएचसी के तहत गांव धरैरा की आशा वर्कर साधना, भानपुर की राधा, अहरौला की रचना, आलमपुर की प्रीति, सिचौली की नीलम, रंपुरिया की कृष्णा, आसफपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत मुंसिया नगला की अमलेश, सीकरी की नमिता, सिरसावा की नीतू, संग्रामपुर की रिजवाना, दबतोरी की सुमन देवी की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त करने के निर्देश दिए हैं।