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खेती-बागवानी से आय दोगुनी कर रहे युवा इंजीनियर हसीब

जागरण संवाददाता, फूलपुर (आजमगढ़): विकास खंड फूलपुर के मो. हसीब बैचलर ऑफ टेक्नालॉजी

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Jun 2018 11:08 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jun 2018 11:08 PM (IST)
खेती-बागवानी से आय दोगुनी कर रहे युवा इंजीनियर हसीब

जागरण संवाददाता, फूलपुर (आजमगढ़):

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विकास खंड फूलपुर के मो. हसीब बैचलर ऑफ टेक्नालॉजी की डिग्री हासिल करने के बाद विदेश के एक फर्म में इंजीनियर की नौकरी की लेकिन रास नहीं आई। वतन वापस आए तो आर्थिकी बनाम पारिस्थिकी के बीच सामंजस्य बनाया और आज पूर्वजों की खेती से न सिर्फ अपने पिता के अधूरे कार्यों को पूरा कर रहे हैं बल्कि खेती-किसानी सहित बागवानी कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं। अपने कार्य से युवा बेरोजगारों के लिए प्रेरणा बनते जा रहे हैं।

तहसील फूलपुर के बक्सपुर गांव में वैसे तो ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग है। खेती-किसानी के साथ अधिकतर लोगों ने फलदार वृक्ष लगाए हैं। बाग के किनारे अधिसंख्य सागौन और यूकेलिप्टस (सफेदा) का पेड़ लगाए हैं। सीजन में आम के फल से जहां लाखों रुपये अर्जित करते हैं, वहीं यूकेलिप्टस और सागौन की लड़की भी बेच कर अपनी आर्थिक आमदनी का स्त्रोत बनाते हैं। कई पढ़े-लिखे लोग पूर्वजों की इच्छा पर आधुनिक रूप से पेड़-पौधे लगाकर आमदनी बढ़ाने के प्रयास में लगे है। इसी में शामिल हैं युवा किसान हसीब पुत्र इफ्तेखार अहमद, जो बैचलर ऑफ टेक्नालॉजी की डिग्री हासिल करने के बाद 2015 में सऊदी में प्राइवेट फर्म में नौकरी करने के एक वर्ष बाद घर लौट आए। पिता के अधूरे कार्य को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से लग गए। बागवानी में दशहरी, लगड़ा व चौसा के साथ फाजली, बंबइया खासम खास, सफेदा आदि आम के पेड़ लगाए। अच्छे फल आने पर दवा आदि का छिड़काव कर आम की अच्छी फसल ले रहे है। लगभग दस बीघा आम की बाग से ढाई से तीन लाख रुपये की आमदनी ले रहे है। ऊपर से लकड़ी बेच कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं।


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