Move to Jagran APP

बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट के धान की कटाई की तो कंबाइन होगी सीज

जागरण संवाददाता आजमगढ़ प्रमोशन आफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इन-सीटू मैनेजमेंट आफ क्र

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 07:26 PM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 07:26 PM (IST)
बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट के धान की कटाई की तो कंबाइन होगी सीज
बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट के धान की कटाई की तो कंबाइन होगी सीज

जागरण संवाददाता, आजमगढ़: प्रमोशन आफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इन-सीटू मैनेजमेंट आफ क्राप रेजीड्यू योजना अंतर्गत वर्तमान खरीफ सत्र 2021 में धान की पराली, फसल अवशेष एवं नगरीय अपशिष्ट जलने की घटनाओं को रोकने के लिए गुरुवार को जिले के 22 विकास खंडों की 44 न्याय पंचायतों में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया।

loksabha election banner

उप कृषि निदेशक संगम सिंह ने बताया गया कि पराली को जलाने से रोकने के लिए जिले के सभी कंबाइन हार्वेस्टर में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। एसएमएस के बिना जो कंबाइन कटाई करते हुए पाई जाएगी तो मालिक के विरुद्ध राष्ट्रीय हरित अभिकरण की गाइडलाइन के अनुसार प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। कंबाइन सीज कर दी जाएगी और अर्थदंड भी लगाया जाएगा। इसकी निगरानी के लिए जिले के सभी कंबाइन पर कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगा दी गई है।

ब्लाक रानी की सराय के मझगांवा में जिला कृषि रक्षा अधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि कृषक फसल अवशेष को कंपोस्ट में परिवर्तित किए जाने के लिए निश्शुल्क डीकंपोजर प्राप्त कर इसके प्रयोग की विधि कृषि विभाग के कार्मिकों से जान सकते है। सठियांव में सलाहकार डा. रामकेवल यादव, मेंहनगर सहायक विकास अधिकारी (कृषि) शंभू सिंह, कोयलसा तकनीकी सहायकमें अनिल सिंह एवं ब्लाक पल्हनी में तकनीकी सहायक अवधेश सिंह ने जागरूकता गोष्ठी में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के गुर सिखाए। बताया कि जिले की अन्य न्याय पंचायतों में क्रमिक रूप से नौ सितंबर तक गोष्ठियों में किसानों को जागरूक किया जाएगा।

----------------

फसल अवशेष प्रबंधन के प्रमुख बिदु:::

वेस्ट डीकंपोजर के प्रयोग को बढ़ावा, नव विकसित कृषि यंत्रों सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (सुपर एएएमएस), हैप्पीसीडर, सुपर सीडर, जीरो टिल सीड कम फर्टीलाईजर ड्रिल, श्रब मास्टर, पेडी स्ट्राचार, श्रेडर, मल्चर, रोटरी स्लेशर, हाइड्रोलिक रिवर्सेबल, एमबी प्लाऊ, बेलिग मशीन, क्राप रीपर की जानकारी दी गई। विभाग से अनुमन्य अनुदान से भी परिचित कराया गया। शासन की मंशा के अनुरूप धान का पुआल ग्राम सभा के माध्यम से अपने खर्च पर निराश्रित गोवंश स्थल तक भेजे जाने की प्रक्रिया की जानकारी दी गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.