जागे जिम्मेदार, चमचमाया मंडलीय अस्पताल
आजमगढ़ इसे कहते हैं जागरण असर। मंडलीय जिला चिकित्सालय में मंडलायुक्त के आदेश की अनदेखी की खबर प्रकाशित होते ही जिम्मेदार दुश्वारियों को सुधारने दौड़ पड़े। 24 घंटे पूर्व बजबजा रहीं नालियां शौचालय वार्ड निजी नर्सिंग होम के मुकाबिल नजर आने लगे। अस्पताल प्रशासन से लेकर ठेकेदार तक खुद की निगरानी में सफाई कराते नजर आए।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : इसे कहते हैं, जागरण असर। मंडलीय जिला चिकित्सालय में मंडलायुक्त के आदेश की अनदेखी की खबर प्रकाशित होते ही जिम्मेदार दुश्वारियों को सुधारने दौड़ पड़े। 24 घंटे पूर्व बजबजा रहीं नालियां, शौचालय, वार्ड निजी नर्सिंग होम के मुकाबिल नजर आने लगे। अस्पताल प्रशासन से लेकर ठेकेदार तक खुद की निगरानी में सफाई कराते नजर आए।
सख्त रुख एवं ईमानदारी के लिए अलग पहचान रखने वाली कमिश्नर कनक त्रिपाठी ने मंडलीय अस्पताल का निरीक्षण किया था। उन्होंने सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ रोगी-तीमारदारों की सुविधा का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिए थे। उनके दौरे से लोगों में उम्मीदें भी बलवती हुईं थीं जो समय बीतने के साथ कमजोर पड़ती गई। दैनिक जागरण ने शनिवार के अंक में अस्पताल की स्थिति परखने के बाद पेज नंबर चार पर 'आयुक्त की फटकार, फिर भी सफाई नहीं' शीर्षक से खबर प्रकाशित की तो जिम्मेदारों में करंट दौड़ गया। दोपहर बाद मरीजों को जाते ही वार्डों की धुलाई शुरू हो गई। जाम नालियों की सफाई कराकर जमा पानी को निकालने का प्रयास शुरू हो गया। मंडलीय जिला चिकित्सालय में प्रतिदिन लगभग तीन हजार मरीज ओपीडी के लिए आते हैं। लगभग डेढ़ सौ मरीज विभिन्न वार्डों में भर्ती रहते हैं। ऐसे में सफाई व्यवस्था को पटरी पर बनाए रखने के लिए 45 सफाईकर्मी ठेके पर, जबकि 24 सफाई कर्मी सरकारी तैनात हैं, लेकिन उसके बावजूद कमिश्नर की जांच में व्यवस्था बेपटरी नजर आई थी। सफाई इंचार्ज विनय राय ने बताया कि अस्पताल की सफाई कराई गई। गंदगी की जानकारी होने पर तत्काल सफाई कराई जाएगी। अस्पताल परिसर में खुद भ्रमण कर सफाई व्यवस्था को देखेंगे।