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तीन साल के लावारिस बच्चे को मिली ममता की छांव

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By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Aug 2019 08:26 PM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 06:24 AM (IST)
तीन साल के लावारिस बच्चे को मिली ममता की छांव
तीन साल के लावारिस बच्चे को मिली ममता की छांव

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जिस तीन वर्ष के बच्चे को ना जाने किस विवशता में अपनों ने अपने से दूर कर दिया। यही नहीं, उसे बेरहमी से बोरे में भरकर सड़क किनारे फेंक दिया। भला हो 100 डायल पुलिस का, जिन्होंने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। बच्चे के बेहतर इलाज को लेकर जिला प्रशासन गंभीर हो गया है। स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद अपना नाम आदित्य बता रहे बच्चे को अब उसे ममता की छांव भी मिल गई है। होश में आया बच्चा अपने पिता पर जान से मारने का आरोप लगा रहा है लेकिन पता नहीं बता पा रहा है।

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अतरौलिया थाना क्षेत्र के झीसूपुर गांव के सिवान में 13 अगस्त की देर शाम बोरे में बांध कर फेंका गया लगभग तीन वर्ष का बच्चा मिला था। उसके गले पर रस्सी से कसे जाने और सिर पर चोट के निशान थे। ग्रामीणों जब बोरे को खोलकर देखा तो उसकी सांसें चल रही थीं। सूचना पर पहुंची 100 डायल पुलिस ने जिला अस्पताल के पीआइसीयू वार्ड में भर्ती कराया। उधर, मऊ जिले के मधुवन मित्तनपुर सेमरा गांव निवासी वंदना विश्वकर्मा पत्नी रविद्र अपनी बेटी को 13 दिनों से लेकर बर्न वार्ड में भर्ती हैं। जब उन्होंने पूरे मामले को जाना तो उनकी आंखों से ममता के आंसू छलक पड़े। उन्होंने चिकित्सकों से बच्चे की परवरिश व देखभाल की बात कही। अब वह अपने बेटी के साथ आदित्य की भी देखभाल कर रही हैं। वंदना विश्वकर्मा ने बताया कि उनके पहले से पांच बेटियां व चार बेटे हैं। जब एक बच्चे के साथ ऐसी दर्दनाक घटना को सुना तो अपने आप को रोक नहीं सकीं। समाचार पत्रों में फोटो सहित खबर प्रकाशित होने के बाद जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह 15 अगस्त को जिला अस्पताल पहुंचे और बच्चे के स्वास्थ्य की जानकारी ली। डीएम के पूछने पर उसने अपना नाम आदित्य बताया। उन्होंने सीएमओ को निर्देश दिया कि बच्चे के इलाज में किसी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए। जिले के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा. अनूप सिंह यादव ने भी गुरुवार को बच्चे की जांच कर बताया कि वह स्वस्थ हो जाएगा। जिला पंचायत सदस्य रामकुंवर यादव भी अस्पताल गए और बच्चे का हालचाल लिया। उन्होंने फल, ब्रेड, बिस्किट व वस्त्र दिया।


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