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बॉयोमेट्रिक क्लोनिग से उड़ाते थे रुपये, दो साइबर अपराधी गिरफ्तार

जागरण संवाददाता आजमगढ़ बोयोमेट्रिक क्लोनिग के माध्मम से लोगों के खातों से लाखों रुपये उड़ा

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 06:44 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 08:51 PM (IST)
बॉयोमेट्रिक क्लोनिग से उड़ाते थे रुपये, दो साइबर अपराधी गिरफ्तार
बॉयोमेट्रिक क्लोनिग से उड़ाते थे रुपये, दो साइबर अपराधी गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : बॉयोमेट्रिक क्लोनिग के माध्मम से 20 लोगों के खातों से लगभग चार लाख रुपये उड़ाने वाले दो साइबर अपराधियों को सिधारी पुलिस ने साइबर सेल की मदद से शनिवार को हरबंशपुर मोहल्ला से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए साइबर अपराधियों के पास से पुलिस ने प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना का 10 फार्म, दो बटर पेपर, दो क्लोन फिगर प्रिट, रबर के टुकड़े, फिगर थम्ब इंप्रेशन मशीन आदि बरामद किया।

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सिधारी क्षेत्र के बिहरोजपुर निवासी सुजीत यादव के खाता से 20 हजार रुपये व अन्य 19 लोगों के बैंक खाता से लगभग चार लाख रुपये साइबर अपराधियों ने आधार कार्ड के माध्यम से निकाल लिया था। साइबर क्राइम के शिकार हुए पीड़ितों ने सिधारी थाने पर तहरीर दी थी। पुलिस ने सुजीत की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया था एसपी सुधीर कुमार सिंह के निर्देश पर सिधारी थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष अंशुमान यदुवंशी ने साइबर सेल के विशेषज्ञ मनीष कुमार के सहयोग से शहर के हरबंशपुर मोहल्ला से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए साइबर अपराधियों में राकेश कुमार ग्राम खुरासों थाना फूलपुर व आदित्य कुमार मोहल्ला हरबंशपुर थाना सिधारी के निवासी हैं। सिधारी इंस्पेक्टर ने बताया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना का लाभ दिलाने के नाम पर साइबर अपराधी लोगों का आधार कार्ड, खाता का डिटेल के साथ ही उनके अंगूठे का छाप लेते थे। अंगूठे के छाप को बटर पेपर पर रखकर उसे थंब इंप्रेशन मशीन से उनके अंगूठे का क्लोन तैयार कर लेते हैं। क्लोन फिगर प्रिट को आधार कार्ड से लिक कर लोगों के खातों से रुपये निकाल लेते हैं।

सावधान! ऐसे देते हैं घटना को अंजाम

साइबर सेल के स्पर्ट मनीष कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किए गए साइबर अपराधी गांव में जाकर लोगों से प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के नाम पर उन्हें लाभ दिलाने का झांसा देकर आधार कार्ड एवं अन्य डिटेल लेकर एक अंगूठे की छाप ले लेते है। फिर उसी अंगुठे की निशान को बटर पेपर पर स्कैन कर लेते है। उसके बाद बटर पेपर को रबर पर रखकर थंब इम्प्रेशन मशीन के माध्यम से इम्प्रेश करते है, इससे उस अंगूठे का निशान रबर या पॉलीमर पर आ जाता है और उस व्यक्ति के अंगूठे का क्लोन फिगर प्रिट तैयार हो जाता है। उसके बाद एप बैंकिग आइडी (इको पे) से क्लोन फिगर प्रिट के माध्यम से आधार कार्ड से लिक बैंक खातों से रुपये निकाल लेते हैं। इस तरह से लोगो का फिगरप्रिट का क्लोन बनाकर बैंकिग धोखाधड़ी कर आर्थिक लाभ कमाते हैं।


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