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बैंकों की बंदी से पांच करोड़ का लेन-देन प्रभावित

आजमगढ़ आल इंडिया ट्रेड यूनियन के आह्वान पर बुधवार को राष्ट्रव्यापी एक दिवसीय हड़ताल रही।जिसका असर बैंकों पर भी दिखा। बैंकों की सबसे बड़ी यूनियन आल इंडिया यूनियन बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन व बीईएफआई व अन्य यूनियन भी हड़ताल पर रहे। इसमें सभी राष्ट्रीयकृत बैंक ग्रामीण बैंक और कोआपरेटिव बैंक बंद रहे। हड़ताली बैंक कर्मियों के साथ ही सभी प्राइवेट बैंकों ने भी समर्थन में अपनी शाखाएं बंद रखीं। बैंकों में हड़ताल से लगभग पांच करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित रहा। उधर उपभोक्ता परेशान रहे तो काफी संख्या में उपभोक्ताओं को एटीएम का सहारा लेना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 08:32 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 08:32 PM (IST)
बैंकों की बंदी से पांच करोड़ का लेन-देन प्रभावित
बैंकों की बंदी से पांच करोड़ का लेन-देन प्रभावित

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : आल इंडिया ट्रेड यूनियन के आह्वान पर बुधवार को राष्ट्रव्यापी एक दिवसीय हड़ताल रही।जिसका असर बैंकों पर भी दिखा। बैंकों की सबसे बड़ी यूनियन आल इंडिया यूनियन बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन व बीईएफआई व अन्य यूनियन भी हड़ताल पर रहे। इसमें सभी राष्ट्रीयकृत बैंक, ग्रामीण बैंक और कोआपरेटिव बैंक बंद रहे। हड़ताली बैंक कर्मियों के साथ ही सभी प्राइवेट बैंकों ने भी समर्थन में अपनी शाखाएं बंद रखीं। बैंकों में हड़ताल से लगभग पांच करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित रहा। उधर, उपभोक्ता परेशान रहे तो काफी संख्या में उपभोक्ताओं को एटीएम का सहारा लेना पड़ा।

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यूबीआइ के क्षेत्रीय कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर रहे बैंक कर्मियों का कहना था कि इतनी बड़ी हड़ताल के बावजूद सरकार सख्ती कर रही है। यही कारण है कि एक कमजोर मजदूर वर्ग की बातें सरकार अपने सभी हथकंडे अपनाकर दबा रही है। यह ज्यादा दिन तक चलने वाला नहीं है। मो. आरिफ ने कहा कि सरकार ने जो कुछ भी शोहरत हासिल की है, वह बैंकों के नाम पर, जन-धन खातों, लोन आदि, नोटबंदी के नाम पर लेकिन अब सब उल्टा पड़ गया है। सरकार के पास अब कोई काम नहीं तो बैंकों का मर्जर का नया सगूफा छोड़ रखा है। इन सब बातों से सामान्यजन को कोई राहत नहीं मिलने वाली है। विष्णु गुप्ता, राजेश प्रताप, राजकुमार, योगेंद्र यादव, सदरे आलम, अब्दुल हक,सौरभ गुप्ता, दुर्गाशंकर प्रसाद, कमलेश यादव, संजीव, रिजवान अहमद, ब्रृजेश आदि बैंक कर्मी थे।

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ये हैं प्रमुख मांगे--

-कामगारों व मजदूरों के राष्ट्रीय मांगपत्र का समर्थन।

-कथित बैंकिग सुधारों एवं बैंकों का अवांछित विलय का विरोध।

-कारपोरेट घरानों द्वारा चूक किए गए ऋणों की वसूली के कठोर उपायों की मांग।

-वेतन पुनरीक्षण एवं संबंधित मुद्दों को शीघ्र हल करना।

-बैंकों में पर्याप्त भरती करना।

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वित्त मंत्री के खिलाफ की नारेबाजी

आजमगढ़ : यूपी बैंक इंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष एवं सीबीएसए के महामंत्री चंडिका नंदन सिंह के नेतृत्व में जिला सहकारी बैंक के कर्मचारियों ने बैंक मुख्यालय पर केंद्र सरकार के खिलाफ मजदूर विरोधी नीतियों पर प्रदर्शन किया। केंद्रीय वित्त मंत्री के के खिलाफ नारेबाजी की। जिला सहकारी बैंक की सभी शाखाएं भारत बंद के समर्थन में बंद रहीं। इस मौके पर रघुनाथ राम, संजय कुमार सिंह, धीरेंद्र बहादुर सिंह, रामचंद्र यादव, रामसमुझ सिंह, धीरेंद्र सिंह, विपिन विश्वकर्मा आदि थे।


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