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महाष्टमी को लेकर श्रद्धावनत हुआ जनमानस, चहुंओर मां अंबे-जगदंबे की गूंज

आजमगढ़ दो दिन से भगवान भाष्कर ने पूजा पंडाल के लोगों का जहां साथ दिया है वहीं अष्टमी पूजा को लेकर श्रद्धालुओं का उत्साह भी चरम पर है। अष्टमी को लेकर भव्य तैयारियां की जा रही है। चौक स्थित दक्षिणमुखी देवी मंदिर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का रेला लगना शुरू हुआ जो देर शाम तक जारी रहा। अष्टमी को लेकर चौक पर खरीददारी को लेकर दिनभर जाम की स्थित रही। बड़ादेव स्थित मंदिर पर भी नवरात्र में श्रद्धालु जहां मत्था टेक रहे हैं वहीं भव्य रूप से मां का श्रृंगार किया जा रहा है। दूसरी तरफ नवरात्र को लेकर दुर्गा पूजा पंडालों में मां की प्रतिमाएं स्थापित होना शुरू हो गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 07:00 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 12:19 AM (IST)
महाष्टमी को लेकर श्रद्धावनत हुआ जनमानस, चहुंओर मां अंबे-जगदंबे की गूंज
महाष्टमी को लेकर श्रद्धावनत हुआ जनमानस, चहुंओर मां अंबे-जगदंबे की गूंज

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : दो दिन से भगवान भाष्कर ने पूजा पंडाल के लोगों का जहां साथ दिया है वहीं महाष्टमी पूजा को लेकर श्रद्धालुओं का उत्साह भी चरम पर है। अष्टमी को लेकर भव्य तैयारियां की जा रही हैं। चौक स्थित दक्षिणमुखी देवी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का रेला लगना शुरू हुआ जो देर शाम तक जारी रहा। अष्टमी को लेकर चौक पर खरीदारी तेज होने के कारण दिनभर जाम की स्थिति रही। बड़ादेव स्थित मंदिर में भी नवरात्र में श्रद्धालु जहां मत्था टेक रहे हैं वहीं भव्य रूप से मां का श्रृंगार किया जा रहा है। दूसरी तरफ नवरात्र को लेकर दुर्गा पूजा पंडालों में मां की प्रतिमाएं स्थापित होना शुरू हो गई हैं।

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चौक देवी मंदिर के पुजारी शरद तिवारी के अनुसार सप्तम कालरात्रि की पूजा-अर्चना शनिवार को विभिन्न देवी मंदिरों में की गई। देवी का यह स्वरूप अनंत एवं व्यापक है। कालरात्रि अर्थात काल को जीतने वाली। जन्म, पालन और काल। देवी के तीन स्वरूप सृष्टि, संयोजन और संचालन, इन्हीं काली जी की कृपा का फल है। एक बार शिव जी ने देवी को काली कह दिया। इस कारण उनका नाम काली पड़ गया। माता काली की पूजा से सब कुछ सिद्ध होता है। इस रात्रि अखंड ज्योति जलाकर काले तिलों से पूजन करने एवं जप-तप करने से मां काली प्रसन्न होती हैं। रात्रि में यज्ञ करने से साधक के मनोरथ पूर्ण होते हैं। चौक देवी मंदिर के इर्द-गिर्द भी मां की प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं। अष्टमी के दिन कई प्रतिमाओं के पट लोगों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। इसी के साथ ही पूरे पंडालों में मां की आराधना शुरू हो जाएगी। चौक क्षेत्र को पूरी तरह से झालर व लाइटों से सजाया गया है। इससे पूरा क्षेत्र ही दुधिया रोशनी से जगमगा रहा है। कुल मिलाकर दुर्गा पूजा व दशहरा की तैयारियां यु्द्धस्तर पर चल रही हैं। सभी पूजा पंडालों में मां की प्रतिमाएं स्थापित कर दी गई हैं। कई स्थानों पर अष्टमी के दिन पूजन-अर्चन के साथ प्राण प्रतिष्ठा होगी। शहर के पुरानी सब्जी मंडी पर शुक्रवार को ही प्रतिमा स्थापित कर पूजन-अर्चन शुरू कर दिया गया है। यहां भक्तों का रेला उमड़ रहा है। अष्टमी को ज्यादातर लोग व्रत रहते हैं, ऐसे में रविवार को बाजारों में भीड़ कुछ ज्यादा ही दिखेगी।


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