आस्था की ताकत ने तोड़ी सरकारी बंदिशों की जंजीर
जागरण संवाददाता रानी की सराय (आजमगढ़) बातें कर लें चाहे जितनी विज्ञान की आज भी जरूरत
जागरण संवाददाता, रानी की सराय (आजमगढ़) : 'बातें कर लें चाहे जितनी विज्ञान की आज भी जरूरत है मां भगवती के ध्यान की, खतरा है कोरोना का तो रोने की जरूरत क्या है, मां के चरणों में झुक जाओ तो किसी सावधानी की जरूरत क्या है'। कुछ इसी तरह का माहौल दिखा कोरोना काल में भी। रानी की सराय के मेले में प्रशासन का सारा पूर्वानुमान ध्वस्त हो गया। भीड़ ऐसी कि एक दिन पहले तक रूट डायवर्जन की जरूरत महसूस न करने वाली पुलिस को चार स्थानों पर रूट डायवर्जन करना पड़ गया।
कस्बे के ऐतिहासिक मेले में दुर्गा प्रतिमा दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस बार कोरोना काल होने से प्रशासन का अनुमान था कि भीड़ नहीं होगी लेकिन पूर्वानुमान ध्वस्त हो गया। एक दर्जन कमेटियों ने प्रतिमा स्थापित कर सजावट भी कराई। बाहरी दुकानों के लगाने पर प्रशासन ने रोक की बात कही थी लेकिन शाम होने से पहले ही फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले जब पहुंचे तो पहले से सख्त प्रशासन भी नरम हो गया। प्रतिमा दर्शन के लिए दोपहर से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। निजामाबाद मार्ग पर रेलवे फाटक के पास, रुदरी मार्ग पर ऊंजी गोदाम, चेकपोस्ट पर फरिहा, मुहम्मदपुर से आने वाले वाहनों को घुमा दिया गया। कस्बे में थाना प्रभारी रामायण सिंह व एसआइ अनुपम जायसवाल ने गाइडलाइन के बीच पुलिस सुरक्षा का भरोसा दिलाया।
अहरौला : बस्ती भुजबल बाजार में मंगलवार को लगे मेले का लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया। खिलौने, गुब्बारे, चाट, फुल्की व मिठाई की दुकानों पर देर शाम तक भीड़ लगी रही।
अबकी झूला नहीं झूल सके बच्चे
जागरण संवाददाता, रानी की सराय : मेले में अबकी बाहरी दुकानदारों के साथ झूले वाले भी नहीं आए। मेले में आए बच्चे झूला खोजते रहे लेकिन झूला नहीं दिखा। इससे उनमें निराशा दिखी लेकिन अभिभावकों ने उन्हें समझाकर संतुष्ट किया।