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हनुमान जी की पूंछ में लगी आग तो जल उठी लंका

ग्रामीण क्षेत्रों में राम लीला का मंचन देखने के लिए दर्शकों की भीड़ जुट

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 05:56 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 05:56 PM (IST)
हनुमान जी की पूंछ में लगी आग तो जल उठी लंका

जागरण टीम, आजमगढ़ : ग्रामीण क्षेत्रों में राम लीला का मंचन देखने के लिए दर्शकों की भीड़ जुट रही है। अलग-अलग स्थानों पर कलाकारों का अभिनय देख दर्शक राम नाम का जयकारा लगाते रहे।

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बिद्राबाजार : नौ दिवसीय रामलीला के आठवें दिन हनुमान जी सीता का पता लगाते समुद्र पार लंका के अशोक वाटिका में पहुंचे। मुंदरी देकर अपना परिचय बताया। फिर फल खाने लगे, तो रावण की सेना पकड़ने पहुंच गई, लेकिन सभी मारे गए।आखिर में मेघनाथ ने उन्हें बंदी बनाकर रावण के दरबार में पेश किया, जहां रावण उनकी पूंछ में आग लगाई गई, तो हनुमान जी ने पूरी लंका को राख कर दिया। रावण का अभिनय संतोष सेठ, लक्ष्मण संतोष शर्मा, राम राहुल गुप्ता, बालि अभिषेक उपाध्याय, हनुमान लाला, मेघनाथ देवेश उपाध्याय, तारा कल्लू विश्वकर्मा, विभीषण दयाराम मास्टर, सुग्रीव की भूमिका अच्छेलाल सेठ ने निभाई।

देवगांव : आदर्श युवा रामलीला समिति बहादुरपुर द्वारा आयोजित रामलीला के पांचवें दिन दशरथ मरण, भरत का ननिहाल से अयोध्या आना, दशरथ का अंतिम संस्कार, भरत का चित्रकूट में राम से मिलन, जयंत की शरणागति, सुपर्णखा-लक्ष्मण संवाद, खर-दूषण वध का मंचन किया गया। वन से सुमंत अयोध्या आकर महाराजा दशरथ से कहते हैं कि राम, लक्ष्मण और सीता वन को चले गए। यह सुनते ही महाराजा दशरथ दुखी हुए और राम-राम कहते प्राण त्याग दिए। भरत, शत्रुघ्न को बुलाकर उनका अंतिम संस्कार कराया गया और वशिष्ठ मुनि के वचन के अनुसार राजपाट संभालने को कहा गया, लेकिन भरत ने स्वीकार नहीं किया और राम को मानने के लिए चित्रकूट चले गए।वहां श्रीराम के न मानने पर उनकी चरण पादुका लेकर आ गए और नंदी ग्राम में 14 वर्ष के लिए बैठ गए। शत्रुघ्न राजपाट देखा।उधर वन में श्रीराम पंचवटी पहुंचते हैं, जहां सुपर्णखा से राम-लक्ष्मण का संवाद होता है और लक्ष्मण उसकी नाक-कान काट देते हैं।उसके बाद खर-दूषण वध का मंचन किया गया। दशरथ का अभिनय अमित सिंह, सुमंत गोलू, वशिष्ठ अन्नू, राम वीके तिवारी, लक्ष्मण पवन शर्मा, भरत विशाल त्रिपाठी, शत्रुघ्न कृष्णा शर्मा तथा सुपर्णखा का अभिनय शंकर यादव ने किया। संचालन सुरेंद्र राय ने किया।


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