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प्रधान प्रबंधक सहित पूरा स्टाफ गबन का दोषी

आजमगढ़ दी किसान चीनी मिल सठियांव भले ही 300 करोड़ खर्च कर चालू कर दी गई लेकिन इसके बाद से अफसर ही इसे लूटने में मस्त रहे। इसका उदाहरण वीडियो क्लिप वायरल के मामले में दोषी पाए गए प्रधान प्रबंधक का निलंबन हैं। दूसरी जांच में पूरा स्टाफ ही अनियमितता में दोषी पाया गया है। ऐसे में मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने तत्कालीन प्रधान प्रबंधक सहित सभी चीनी मिल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 06:42 PM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 06:42 PM (IST)
प्रधान प्रबंधक सहित पूरा स्टाफ गबन का दोषी
प्रधान प्रबंधक सहित पूरा स्टाफ गबन का दोषी

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : दी किसान चीनी मिल सठियांव भले ही 300 करोड़ खर्च कर चालू कर दी गई लेकिन इसके बाद से अफसर ही इसे लूटने में मस्त रहे। इसका उदाहरण वीडियो क्लिप वायरल के मामले में दोषी पाए गए प्रधान प्रबंधक का निलंबन हैं। दूसरी जांच में पूरा स्टाफ ही अनियमितता में दोषी पाया गया है। ऐसे में मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने तत्कालीन प्रधान प्रबंधक सहित सभी चीनी मिल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है।

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बता दें कि प्रधान प्रबंधक बीके अबरोल पर टेंडर में अनियमितता, संविदा कर्मियों की तैनाती में घपलेबाजी व गन्ना पर्ची में हेरफेर का आरोप लगाया गया है। इसमें एक क्विटल के गन्ना की पर्ची पर तीन-तीन कुंतल चढ़ाया गया है। इसके अलावा सात ट्रक द्वारा कुशीनगर से गन्ना का बीज मंगाया गया है जिसमें ट्रक का नंबर किसी भी पर्ची पर लिखा नहीं गया है। इसके अलावा वर्ष 2016-17 के बाद मिल में कोई टेंडर नहीं किया गया है। इसके अलावा भी तमाम अनियमितताएं की गई हैं। बीते 20 दिसंबर को प्रधान प्रबंधक पर जो कार्रवाई हुई हैं उसमें मात्र वीडियो क्लिप में प्रथम दृष्टया दोषी मिलने पर हुई है। अपर आयुक्त प्रशासन धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि चीनी मिल के प्रधान प्रबंधक (जीएम) द्वारा गन्ना की तौल और वर्तमान पेराई सत्र में गन्ना क्रय केंद्र प्रभारियों की पोस्टिग एवं स्थानांतरण में मनमानी और अनियमितता की शिकायत के समर्थन में वाट्सएप पर सूचना उपलब्ध कराई गई थी। इसमें चार आडियो क्लिप के मामले में सीडीओ आनंद कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाकर जांच करने का निर्देश दिया गया था। चीनी मिल के संचालक सदस्य आनंद कुमार उपाध्याय ने मंडलायुक्त को शिकायती पत्र दिया था। मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने आडियो क्लिप को सुनने और शिकायकर्ता द्वारा अवगत कराए गए तथ्यों को देखते हुए प्रथम दृष्टया प्रकरण को अत्यंत गंभीर प्रकृति को मानते हुए जिलाधिकारी को जांच कराते हुए एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट के आधार पर उन्हें निलंबित किया गया था। इसके अलावा अन्य बिदुओं की जांच के लिए अपर आयुक्त (प्रशासन) धर्मेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। इसमें उप निदेशक (बचत) विजय नाथ मिश्र एवं उपायुक्त खाद्य केपी मिश्र को सदस्य नामित किया गया था।

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108.78 करोड़ का हुआ है घाटा

जांच रिपोर्ट के अनुसार पेराई सत्र 2016-17 एवं 2017-18 में गन्ना कम मात्रा में प्राप्त होने सहित अन्य कारणों से 108.78 करोड़ का कुल घाटा हुआ। चीनी मिल प्रबंधक द्वारा आउट सोर्सिंग के आधार पर मिल में कुशल कर्मकारों की नियुक्ति हेतु भी जिलाधिकारी/अध्यक्ष की न तो संस्तुति ली गई है और न ही उसका विज्ञापन कराया गया है। मनमाने ढंग से एक वर्ग एवं एक क्षेत्र विशेष को वरीयता देते हुए बड़े पैमाने पर अनियमित ढंग से चयन की कार्यवाही की गयी है।

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सेवा प्रदाता एजेंसी भी दोषी

सेवा प्रदाता एजेंसी आइएसजीएस प्लेसमेंट प्रालि लखीमपुर खीरी एवं प्रधान प्रबंधक को समान रूप से जिम्मेदार बताया है। चयन समिति ने चीनी मिल के कार्यो हेतु ई-टेण्डरिग नहीं किए जाने, मिल के गेस्ट हाउस अतिथि गृह के रूप में प्रयोग करने एवं जलपान पर वर्ष 2017 में लगभग 4 लाख एवं वर्ष 2018 में 4 लाख 19 हजार से अधिक की भारी भरकम धनराशि खर्च करने, अनियमित ढंग से वाहन किराए पर लिए जाने आदि में भी प्रधान प्रबंधक द्वारा भारी वित्तीय अनियमिता की गई है।

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चीनी मिल को वहां पर तैनात अफसर ही चूना लगा रहे थे। किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। सभी के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति कर दी गई है।

कनक त्रिपाठी : मंडलायुक्त आजमगढ़


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