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धान खरीद की गति पर तकनीकी प्रयोग का ब्रेक

आजमगढ़ खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में धान की खरीद तकनीकी पेच में फंस गई है। यही कारण है कि सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर निर्धारित लक्ष्य 62 हजार 300 एमटी के सापेक्ष एक नंवबर से 26 नवंबर तक मात्र 1473.57 एमटी धान की खरीद सुनिश्चित हो सकी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 06:17 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 06:17 PM (IST)
धान खरीद की गति पर तकनीकी प्रयोग का ब्रेक
धान खरीद की गति पर तकनीकी प्रयोग का ब्रेक

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में धान की खरीद तकनीकी पेच में फंस गई है। यही कारण है कि सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर निर्धारित लक्ष्य 62 हजार 300 एमटी के सापेक्ष एक नंवबर से 26 नवंबर तक मात्र 1473.57 एमटी धान की खरीद सुनिश्चित हो सकी है।

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धान खरीद में किसानों की सुविधा और भुगतान में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार द्वारा ई-पोर्टल की व्यवस्था की गई है। इसके अंतर्गत किसानों का ऑनलाइन पंजीयन, किसानों के मिस मैच नाम, खरीद व भुगतान की फीडिग प्रमुख रूप से शामिल है। नई तकनीकी व्यवस्था से न तो किसानों का पंजीकरण हो पा रहा है और ना ही नामों की चेकिग कर सुधार ही हो पा रहा है। खरीद की फीडिग और आनलाइन भुगतान में भी बहुत देरी हो रही है। अब तक पंजीकृत 80402 किसानों के 11980 गाटा में 11,980 का सत्यापन हो सका है। जबकि 11,096 गाटा का सत्यापन अभी तहसील स्तर पर लंबित है जिससे किसानों के धान की खरीद प्रभावित है। भुगतान की हालत यह है कि अब तक 271.399 लाख रुपये के सापेक्ष अभी तक 224.84 लाख रुपये का ही भुगतान हो सका है। अवशेष धनराशि का क्रय एजेंसी पीसीएफ का भुगतान रुका है।

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कुछ प्रमुख बिदु--

पंजीकरण में समस्या..

जिन किसानों का 100 क्विटल से कम धान का क्रय किया जाना है, उनके आनलाइन एसडीएम के सत्यापन की कोई आवश्यकता नहीं है लेकिन उनके पंजीकरण प्रपत्र पर सत्यापन लंबित लिखकर आ रहा है। परेशान किसान जब तहसीलों पर जा रहे हैं तो उन्हें बताया जा रहा है कि आप को किसी अनुमति की जरूरत नहीं है। ......

किसानों का नाम मिसमैच

पंजीकृत किसानों के सामने नाम मिसमैच की भी समस्या आ रही है। इससे सत्यापन करने वाले अधिकारी से लेकर केंद्र प्रभारी व संबंधित क्रय एजेंसियों के अधिकारी भी परेशान हैं। किसानों की खतौनी में नाम का केवल प्रथम भाग है और आधारकार्ड में सरनेम के साथ तो, वह आनलाइन डाटा में मिसमैच दिखा रहा है।

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खरीद की फीडिग

जिन किसानों से धान क्रय किया जा रहा है, उनका नाम विभाग के ई-पोर्टल पर फीड किया जाना है। पहले की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद ही दूसरे किसान के धान की खरीद की जा सकेगी लेकिन इसकी फीडिग में भी समस्या आ रही है।

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ऑनलाइन भुगतान

जिन किसानों से धान क्रय कर लिया गया है, उनका क्रय धान का भुगतान तुरंत ऑनलाइन कर देना है। खाद्य विभाग द्वारा तो पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) के माध्यम से किसानों के खाते में भुगतान कर दिया जाता है। जबकि अन्य क्रय एजेसियों को भुगतान की आनलाइन भुगतान करना पड़ता है।

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वर्जन--डिप्टी आरएमओ

''इस बार धान की खरीद खाद्य विभाग के ई-पोर्टल के सिस्टम में खामियों के कारण प्रभावित हो रही है। किसानों के गाटा का सत्यापन, खरीद की फीडिग और भुगतान भी प्रभावित हो रहा है।

--आरके पटेल, डिप्टी आरएमओ, आजमगढ़।


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