तमसा किनारे आज जलेंगे आस्था के दीप
आजमगढ़ कार्तिक महीना यानी उत्साह उमंग और आस्था के संगम का माह। पहले दिन से लेकर आखिरी दिन तक कोई न कोई व्रत-त्योहार। पहले ही दिन से देवताओं के लिए आकाश दीप तो उसके बाद धनतेरस दीपावली डाला छठ और एकादशी की खुशियां देने के बाद पूर्णिमा के दिन भी उमंगों से होगा सराबोर। जिन लोगों ने किन्हीं कारणों से तुलसी विवाह का आयोजन करने से चूक गए वह लोग संपन्न कराएंगे तुलसी विवाह।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : कार्तिक महीना यानी उत्साह, उमंग और आस्था के संगम का माह। पहले दिन से लेकर आखिरी दिन तक कोई न कोई व्रत- त्योहार। पहले ही दिन से देवताओं के लिए आकाश दीप तो उसके बाद धनतेरस, दीपावली, डाला छठ और एकादशी की खुशियां देने के बाद पूर्णिमा के दिन भी उमंगों से होगा सराबोर। जो लोगों किन्हीं कारणों से तुलसी विवाह का आयोजन करने से चूक गए वे लोग संपन्न कराएंगे तुलसी विवाह।
देव दीपावली पर मंगलवार की शाम को शहर का गौरीशंकर व कदम घाट रोशनी से जगमगा उठेगा। एक साथ हजारों दीपक जलेंगे और उसी के साथ आतिशबाजी भी करने वाले पीछे नहीं रहेंगे। मान्यता है कि गंगा स्नान के बाद किनारे दीपदान करने से दस यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है।
उधर एक दिन पहले तक दोनों घाटों पर सफाई नदारत दिखी। वहां जानवर विचरण कर रहे थे। इस संबंध में अधिशासी अधिकारी डा. शुभनाथ प्रसाद ने बताया कि घाटों की सफाई मंगलवार को सुबह से शुरू करा दी जाएगी। बताया कि एक दिन पहले सफाई कराने का कोई फायदा नहीं होता। आसपास आबादी होने के कारण वहां गंदगी फैलना आम बात होती है इसलिए मंगलवार को ही सफाई कराना उचित समझा गया है।