घाघरा में समाहित हो रही गन्ने की फसल
आजमगढ़ : घाघरा नदी के जलस्तर में कहीं घटाव तो कहीं स्थिर हैं। नदी के घटते बढ़ते क्र
आजमगढ़ : घाघरा नदी के जलस्तर में कहीं घटाव तो कहीं स्थिर हैं। नदी के घटते बढ़ते क्रम से देवारावसी भयभीत हैं। देवारा खास राजा के मुराली का पूरा, त्रिलोकी का पूरा, बगहवा, साधू का पूरा में आबादी की जमीन के साथ नदी खेती योग्य जमीन कट रही है। त्रिलोकी के पुराके विस्थापितों के मकान से 10 मीटर की दूरी पर नदी कटान कर रही है। अब यह दूसरी जगह विस्थापित होने की तैयारी में है। त्रिलोकी के पूरा के बाद अब नदी का रुख बगहवा के राम अवध के पूरा की ओर हो गया है। राम अवध के पूरा से 50 मीटर की दूरी पर घाघरा कटान कर रही है। खेतों में गन्ने की खड़ी फसल घाघरा में समाहित हो रही है। बगहवा गांव के लोगों का कहना है कि अभी तक हम लोगों को विस्थापित होने के लिए तहसील स्तर या ग्राम समाज से जमीन नहीं उपलब्ध कराई गई है। हम लोग कहां जाएं यह बात समझ में नहीं आ रही है। हम लोगों को बाढ़ राहत सामग्री भी नहीं मिली है। जलस्तर में घटाव होने से बाढ़ प्रभावित गांवों में देवरावासी संक्रामक रोगों की चपेट में हैं। बाढ़ चौकियों से डाक्टर गांव में जाकर दवा वितरित कर रहे हैं। वहीं क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि बाढ़ चौकियों पर पर्याप्त दवा उपलब्ध नहीं है। बच्चों की दवा नदारद है। दूरदराज के बाजारों में जाकर लोग बच्चों का इलाज करा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित गांव के प्राथमिक विद्यालय संचालित तो हो गए हैं पर रास्ते में कीचड़ होने के नाते अभी बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।
घाघरा नदी के घटाव की स्थिति नदी का जलस्तर गुरुवार को आठ घंटे में बदरहुआ गेज पर दो सेंमी घटाव पर है। जबकि डिघिया गेज पर जलस्तर सुबह आठ बजे से शाम तक स्थित रही। गुरुवार की सुबह आठ बजे लेकर शाम चार बजे तक नदी का जलस्तर 70.19 मीटर पर है। बदरहुआ गेज पर घाघरा नदी का जलस्तर सुबह आठ बजे 71.10 मीटर पर है। शाम चार बजे नदी का जलस्तर 71.08 मीटर पर दर्ज किया गया।