पेड़ पर एक भी नहीं बचा पत्ता, झुलसे लोग सड़क पर दौड़ पड़े..
आजमगढ़ जनपद में सात माह पूर्व मुकेरीगंज पटाखा विस्फोट कांड को मऊ के वलीदपुर में सोमवार की सुबह हुए गैस सिलेंडर विस्फोट में हुई तेरह लोगों की मौत ने ताजा कर गया। जिसने भी इस घटना को सुना वह स्तब्ध रह गया। सभी के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी। वह श्हर के मुकेरीगंज पटाखा कांड को याद कर गया जिसमें चौदह लोगों की मौत हुई थी। जिला अस्पताल में भर्ती मऊ कांड के लोगों की कुशलता के लिए लोग दुआएं मांग रहे हैं। यही नहीं जनपद के आला अफसर भी नौ भर्ती घायलों के बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंच गए हालांकि यहां आने पर एक घायल की मौत हो गई। एक की स्थिति गंभीर होने पर उसे वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जनपद में सात माह पूर्व मुकेरीगंज पटाखा विस्फोट कांड भुलाया नहीं जा सकता है। इस घटना को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई गई। पहले कहा गया कि यह घटना गैस सिलेंडर से वेल्डिग के दौरान लगी। जांच-पड़ताल बाद पता चला कि गैस से लगी आग ने घरों में बनाए पटाखा गोदाम तक पहुंच गई। विस्फोट की वजह से एक एक कर 14 लोगों की झुलसने से मौत हो गई थी। मऊ के वलीदपुर में सोमवार की सुबह हुए गैस सिलेंडर विस्फोट में अब तक तेरह लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि इस घटना को लेकर भी तरह की चर्चा है। सब कुछ जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। फिलहाल घटना को लेकर सभी स्तब्ध है।
जिला अस्पताल में भर्ती मऊ कांड के लोगों की कुशलता के लिए लोग दुआएं मांग रहे हैं। यही नहीं जनपद के आला अफसर भी नौ भर्ती घायलों के बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंच गए, हालांकि इलाज को आए एक घायल की मौत हो गई। एक की स्थिति गंभीर होने पर उसे वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया।
शहर के मुकेरीगंज की घटना भी कुछ इसी तरह की थी। बीते 17 मार्च को पटाखा विस्फोट में नौ लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी जबकि पांच लोगों की मौत उपचार के दौरान विभिन्न अस्पतालों में हुई। यहां आग की विभीषिका इस कदर थी कि एक हरे पेड़ पर एक भी पत्ता नहीं बचा था। विस्फोट के बाद एक बक्शा लगभग 50 मीटर दूर चला गया। सड़क पर चलने वाले लोग भाग खड़े हुए थे। आस-पास के घरों के लोग अपने-अपने मकान को छोड़कर 100 मीटर दूर भाग खड़े हुए थे। आग के दौरान फायर ब्रिगेड व पुलिस के जवान राहत कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिए थे। यही नहीं चार बजे के बाद लगी आग एक घंटे तक धधकती रही और पुलिस प्रशासन सहित आस-पास के लोग असहाय नजर आ रहे थे। झुलसे हुए लोगों के सड़क पर भागते देख लोगों के रोंगटे खड़े हो गए थे। हालांकि क्षेत्र के युवाओं ने हौसला दिखाया और कई लोगों की जान बचाई थी। एक पखवारे तक आधा दर्जन लोग जीवन व मौत से जूझते हुए दम तोड़ते गए। अब मऊ की घटना ने सभी को हिला कर रख दिया है। देररात तक लोग अखबार के दफ्तरों में फोन घनघनाते रहे।