सचल विद्युत बिल भुगतान वाहन चालक से 1.65 लाख की लूट
जागरण संवाददाता अतरौलिया (आजमगढ़) अतरौलिया थाना क्षेत्र के भोराजपुर गांव के समीप शुक्रवार की दोपहर को बाइक सवार दो बदमाशों ने पिस्टल से भयभीत कर सचल विद्युत बिल भुगतान वाहन के चालक के पास रखा 1 लाख 65 हजार रुपये नकदी के साथ ही चेकबुक भी लूट ले गए।
जागरण संवाददाता, अतरौलिया (आजमगढ़) : अतरौलिया थाना क्षेत्र के भोराजपुर गांव के समीप शुक्रवार की दोपहर को बाइक सवार दो बदमाशों ने पिस्टल से भयभीत कर सचल विद्युत बिल भुगतान वाहन के चालक के पास रखा एक लाख 65 हजार रुपये के साथ ही चेकबुक भी लूट ले गए। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे सीओ व एसओ घटना की छानबीन कर रहे हैं। प्रथम दृष्टया पुलिस इस घटना को संदिग्ध बता रही है।
अतरौलिया थाना क्षेत्र के दशांव गांव निवासी सुनील राम पुत्र रामसिंह बिजली विभाग के सचल विद्युत बिल भुगतान वाहन का चालक है। वह अतरौलिया क्षेत्र में वाहन लेकर उपभोक्ताओं से बिजली बिल का बकाया रुपये जमा करने का कार्य करता है। सत्रह दिन का बिजली उपभोक्ताओं का कलेक्शन किए हुए रुपये को लेकर वह उक्त विभागीय मारुति वैन पर सवार होकर उक्त रुपये को जमा करने के लिए कप्तानगंज विद्युत उपकेंद्र पर जा रहा था। चालक का कहना है कि वह शुक्रवार की दोपहर को लगभग पौने दो बजे भोराजपुर गांव के समीप पहुंचा था। तभी बाइक सवार दो युवकों ने हाथ देकर वैन रूकने का इशारा किया। चालक ने समझा कि उपभोक्ता है और वे बिजली का बकाया रुपये जमा कराने के लिए रोक रहे हैं। यह समझ कर उसने जब वैन रोका तो दोनों युवकों ने वैन की चाभी निकाल लिया और असलहा सटाकर वैन में कलेक्शन के रखे एक लाख 65 हजार रुपये नकदी के अलावा चेकबुक भी छीन लिए। घटना को अंजाम देने के बाद दोनों बदमाश बाइक पर सवार होकर फरार हो गए। पीड़ित चालक ने इस घटना की सूचना बिजली विभाग के संबंधित अधिकारी टीजीटू विवेक श्रीवास्तव को दी। विवेक ने फोन कर घटना से पुलिस अधिकारियों को अवगत कराया। लूट की खबर मिलते ही सीओ बूढ़नपुर रामजनम व अतरौलिया थाना के प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार सिंह मौके पर पहुंच कर घटना की छानबीन शुरू कर दी। छानबीन के बाद सीओ ने प्रथम दृष्टया इस घटना को संदिग्ध बताया है। बिजली विभाग के अधिकारी विवेक श्रीवास्तव का कहना है कि वैन चालक सुनील ने 20 मई तक के कलेक्शन किए गए रुपये को चार जून को जमा किया था। 21 मई से कलेक्शन हुए रुपये को उसने अभी तक जमा नहीं किया। उनका कहना है कि नियम यह है कि कलेक्शन का रुपये तीन दिन के अंदर जमा कर दें लेकिन वह सत्रह दिन का कलेक्शन का रुपये अपने पास ही रखा था।
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