दो साल के अंत्योदय कार्ड के खाद्यान्न की होगी रिकवरी
आजमगढ़ : पत्नी व एक अन्य मृतक महिला के नाम अन्त्योदय कार्ड बनवाकर खाद्यान्न की लूट खसोट करने वाले कोटेदार के खिलाफ दर्ज एफआइआर के बाद नया मोड़ आ गया है। जिला पूर्ति अधिकारी देवमणि मिश्रा ने सीआरओ आलोक कुमार वर्मा को पत्र लिखकर खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत वर्ष 2016 से अब तक लिए गए दो अन्त्योदय कार्ड के खाद्यान्न की रिकवरी करने के लिए कहा है। विभाग की इस कार्रवाई से महकमे में हड़कंप सरीखा माहौल है। इस तरह के कई और मामले भी सामने आ रहे हैं।
आजमगढ़ : पत्नी व एक अन्य मृतक महिला के नाम अंत्योदय कार्ड बनवाकर खाद्यान्न की लूट-खसोट करने वाले कोटेदार के खिलाफ दर्ज एफआइआर के बाद नया मोड़ आ गया है। जिला पूर्ति अधिकारी देवमणि मिश्रा ने सीआरओ आलोक कुमार वर्मा को पत्र लिखकर खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत वर्ष 2016 से अब तक लिए गए दो अंत्योदय कार्ड के खाद्यान्न की रिकवरी करने के लिए कहा है। विभाग की इस कार्रवाई से महकमे में हड़कंप सरीखा माहौल है।
सर्फुद्दीनपुर के कोटेदार धन्नीराम की पत्नी फुलदेवी के नाम कार्ड संख्या 119120035717 पर अंत्योदय कार्ड वर्ष 2015 की सर्वे सूची के आधार पर जारी किया गया है। सर्फुद्दीनपुर निवासी बताशी देवी पत्नी सोचन की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद 2015 की पात्रता सूची के आधार पर कार्ड संख्या 119120035500 पर उनके नाम अंत्योदय कार्ड है। सरकार की गाइड लाइन में है कि कोटेदार के परिवार को अंत्योदय कार्ड जारी ही नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद कोटेदार इन दोनों कार्डो से वर्ष 2016 से खाद्यान्न का घोटाला कर रहा था। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी के समक्ष की थी। जिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच के लिए डीएसओ देवमणि मिश्रा को निर्देशित किया था। इस आधार पर डीएसओ ने एआरओ अनिल कुमार यादव व पूर्ति निरीक्षक आनंद यादव को जांच सौंपी थी। जांच में सच्चाई उजागर होने पर डीएम को रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इस पर जिलाधिकारी के आदेश पर कोटेदार धन्नी राम के खिलाफ सिधारी थाने में छह नवंबर को 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। अब दोनों अंत्योदय कार्ड के दो साल के उठान किए गए खाद्यान्न की रिकवरी भी की जाएगी। अपात्र उपभोक्ता राशन कार्ड जमा कर दें : डीएसओ
जिला पूर्ति अधिकारी देवमणि मिश्रा ने कहा कि जिनके भी पास अंत्योदय कार्ड है, अगर वे अपात्र हैं तो कार्ड जमा कर दें। अगर अपात्र लोग अंत्योदय राशन कार्ड नहीं जमा करते हैं तो उनकी जांच कराई जाएगी। जांच में अपात्र मिलने पर उनके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत संबंधित थाने में एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। इसी प्रकार पात्र गृहस्थी के कार्डधारकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। जितने भी कार्डधारक अपात्र हैं, फिर भी उन्होंने किन्हीं कारणों से पात्र गृहस्थी का राशन कार्ड बनवा लिया है तो वह विभाग को सरेंडर कर दें, अन्यथा की स्थिति में इनके खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कर खाद्यान्न रिकवरी की वसूली भी की जाएगी।