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रमजान माह में बरसती रहती है अल्लाह की रहमत

मुफ्ती मोहम्मद अरशद फारूकी ने कहा कि अल्लाह की रहमत बरसती रहती है। खास तौर पर रमजान में और बढ़ जाती है। रमजान के पहला अशरा बीत गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 09:48 PM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 06:21 AM (IST)
रमजान माह में बरसती रहती है अल्लाह की रहमत
रमजान माह में बरसती रहती है अल्लाह की रहमत

जासं, सरायमीर (आजमगढ़) : मुफ्ती मोहम्मद अरशद फारूकी ने कहा कि रमजान माह में अल्लाह की रहमत बरसती रहती है। खास तौर पर रमजान में और बढ़ जाती है। रमजान के पहला अशरा बीत गया। अब दूसरा अशरा म़ग़िफरत का शुरू हो गया है। रम•ान के रोजे इंसान के जिस्म और रूह की पाकी•ागी का सबब बनते हैं। दूसरी खास बात यह है कि रम•ान में नाजिल होने वाला कुरान जब बंद पढ़ता है तो बंदे के दिल की कैफियत बदलती है। अल्लाह का खौफ पैदा होता है तो रोजा रखने व कुरान पढ़ने से इंसान की रूह बहुत ही पाकीजा हो जाती है। उसके अंदर अल्लाह की रहमतों को कुबूल करने की सलाहियत बढ़ जाती है। हर व्यक्ति अपने वजूद को पाकीजा तरीन बनाने के लिए रमजान के रोजों, रमजान की इबादतों, रमजान की बरकतों, रमजान की मगफिरतों व रमजान की बेपनाह बडा़इयों का मोहताज है। हम रमजान में अल्लाह की रहमत से उम्मीद रखते हैं हिदुस्तान की जम्हूरियत महफू•ा रहे मुल्क में अमन व अमान कायम रहे।

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